ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में स्थित एक नाइट क्लब के बाहर हुई गोलीबारी की घटना में एक सुरक्षा गार्ड मारा गया, जबकि तीन पुलिस वाले घायल हो गए. हालांकि अभी यह पुष्टि होना बाकी है कि गोलीबारी आतंकी घटना थी.
नाइट क्लब के बाहर गोलीबारी की यह घटना तब हुई है, जब देश में बंदूक संस्कृति के खिलाफ 1996 के बाद कड़े कानून बनाए गए हैं. तस्मानिया में 1996 में पोर्ट ऑर्थर में एक बंदूकधारी ने अधाधुंध गोलीबारी कर 35 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में बंदूक संस्कृति पर नियंत्रण रखने के लिए कड़े कानून बनाए गए थे.
अब मेलबर्न में रविवार देर रात हुई गोलीबारी ने लोगों के जेहन में पोर्ट ऑर्थर की घटना ताजा कर दी है. बताते हैं कि गोलीबारी मेलबर्न के उपनगर प्रहरान में रात 3 बज कर 20 मिनट पर हुई. होमीसाइड इंस्पेक्टर एंड्रयु स्टैंपर ने बताया, 'घटनास्थल पर मिले सबूतों से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बंदूकधारी ने नाइट क्लब के बाहर खड़ी भीड़ को कार में बैठे-बैठे निशाना बनाया. गोलीबारी की जद में आए लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए.'
गोलीबारी की जद में आए एक सुरक्षा गार्ड की अस्पताल में मौत हो गई, जबकि एक गंभीर है. इसके अलावा दो घायल अब खतरे की जद से बाहर है. 'लव मशीन' नाम के इस नाइट क्लब के बाहर खून से सने कपड़े और गोलियों के खाली खोखे बरामद हुए हैं. अब तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. जांच में लगे पुलिस दल ने घटना के गवाहों से आगे आकर बयान दर्ज करने का आग्रह किया है. फिलहाल पुलिस इसे आतंकी हमला करार देने से बच रही है और जांच के बाद ही कोई आधिकारिक बयान जारी करेगी.
Source : News Nation Bureau