Toshakhana Case : पाकिस्तान में एक बार फिर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है. इस बार पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई के प्रमुख इमरान खान मुश्किलों में फंस गए हैं. जिला सत्र न्यायालय ने तोशाखाना मामले में इमरान खान को दोषी ठहराते हुए 3 साल की सजा सुनाई और साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इसके बाद पाकिस्तानी पुलिस ने आनन फानन में लाहौर से उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. आइये जानते हैं कि क्या है तोशाखाना केस? और अब इमरान खान के राजनीतिक करियर पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
जानें क्या है तोशाखाना मामला?
तोशाखाना एक फारसी शब्द है, जिसका अर्थ खजाने वाला कमरा होता है. पाकिस्तान में तोशाखाना की स्थापना साल 1974 में हुई थी. तोशाखाना यानी स्टेट डिपॉजिटरी में मंत्री हो या अधिकारी उन्हें विदेश से मिले उपहार को जमा करना होता है. इसे ऐसे समझे कि अगर विदेशी राज्य के गणमान्य व्यक्ति पाकिस्तान के प्रधानमंत्री या कोई अन्य मंत्री या अधिकारी को कोई उपहार देते हैं तो उन्हें तोशाखाना में रखना होता है. अगर कोई मंत्री या अधिकारी इस गिफ्ट को अपने पास रखना चाहता है तो उसे उसके लिए इसके मूल्य के बराबर राशि देनी पड़ती है. यह प्रक्रिया नीलामी के जरिये की जाती है. बाद में तोशाखान में रखे उपहार नीलाम किए जाते हैं और उससे मिली राशि को देश के खजाने में जमा किए जाते हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान कैसे फंसे?
जब साल 2018 में इमरान खान प्रधानमंत्री बने थे उस दौरान विदेश यात्राओं के दौरान उन्हें 14 करोड़ रुपये के 58 गिफ्ट मिले थे. तोशाखाना में इन गिफ्टों को रखा गया था, लेकिन बाद में इमरान खान ने इन उपहारों को सस्ते दाम 2.15 करोड़ रुपये में खरीद लिया और फिर महंगे दामों में बेचकर 5.8 करोड़ का मुनाफा कमाया. इसके लिए उन्होंने पूरी कानून प्रक्रिया में बदलाव किया.
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इमरान खान अब नहीं लड़ पाएंगे चुनाव
तोशाखाना मामले में अदालत ने इमरान खान को तीन साल की सजा सुनाई है. अब वे 5 साल तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. उनकी पार्टी पीटीआई ने कहा कि जिला कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.
Source : News Nation Bureau