पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सुप्रीम कोर्ट के खुद को अयोग्य घोषित किए जाने वाले फैसले के बाद निशाना साधते हुए कहा कि अगर व्यवस्था ने जनादेश को नहीं माना तो देश को फिर से 1971 की तरह विभाजन का सामना करना पड़ सकता है।
लाहौर हाई कोर्ट के उनके पार्टी के सदस्यों के न्यायपालिका विरोधी टिप्पणियों के प्रसारण पर रोक लगा दी थी। इस रोक के एक दिन बाद नवाज का यह बयान सामने आया है। उन्होंने पनामा पेपर्स जांच में हिस्सा लेने वाली पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों पर भी निशाना साधा है।
बता दें कि देश से बाहर संपत्ति रखने के मामले में नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य साबित किया गया था। उनके परिवार के लोगों पर भी सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया था।
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नवाज ने कहा, 'पाकिस्तान के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि जब खुफिया एजेंसियों (आईएसआई और मिलेट्री इंटेलीजेंस) का इस्तेमाल एक जांच दल गठित करके जांच के लिए किया गया, जो कि आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा नहीं था।'
उन्होंने कहा कि देश की जनता ने उन्हें अयोग्य ठहराए जाने वाले फैसले को अबतक स्वीकार नहीं किया है। उन्होंने कहा, 'इसे देश के अन्यायपूर्ण फैसलों के रूप में याद रखा जाएगा।' उन्होंने कहा कि 70 साल के इतिहास में 18 प्रधानमंत्रियों को कार्यकाल खत्म करने के पहले ही पद से हटा दिया गया।
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Source : News Nation Bureau