पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई चीफ इमरान खान की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. लाहौर के जमां पार्क स्थित उनके आवास पर इस्लामाबाद पुलिस गैर जमानती वारंट लेकर गिरफ्तार करने पहुंची है. बड़ी संख्या में पुलिस जवान उनके घर के बाहर इक्टठा है. वहीं, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के कार्यकर्ता भी गिरफ्तारी के विरोध में डटे हुए हैं. कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनके नेता निर्दोष और बेगुनाह हैं. पुलिस पर दबाव बनाने के लिए कार्यकर्ता लंबे समय से इमरान खान के आवास के बाहर जमे हुए हैं.
पीटीआई के नेताओं और कार्यकर्ताओं का आरोप है कि शहवाज सरकार के इशारों पर उनके खिलाफ कदम उठाए जा रहे हैं.दरअसल, इमरान खान के खिलाफ कई मामले कोर्ट में चल रहे हैं, इसमें कुछ मामलों में तो उन्हें राहत मिली है. वहीं, तोशखाना केस में कोर्ट ने जमानती वारंट जारी किया है. इसी मामले में इमरान खान पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी है. आखिर क्या है तोशाखाना केस और इमरान खान का इससे क्या है कनेक्शन...
क्या है तोशाखाना मामला
2018 में पीटीआई चीफ इमरान खान पाकिस्तान के 'वजीर ए आज़म' बने थे. तोशाखाना कैबिनेट का एक मंत्रालय है. जहां अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी मेहमानों की ओर से दिए गिफ्ट्स को रखा जाता है. जब इमरान खान अरब देशों के दौरे पर गए थे. तो उन्हें बेशकीमती उपहार मिले थे. इसके अलावा यूरोपीय राष्ट्रों के प्रमुखों ने भी उन्हें महंगे उपहार भेंट किए थे. नियम के मुताबिक, इमरान खान ने सभी गिफ्ट्स को तोशाखाना विभाग में जमा करा दिया था. कुछ महीने बाद इमरान ने तोशाखाना से सस्ते रेट पर उपहारों को खरीदा और उसे महंगे दामों पर बेच दिया था. इसके लिए उन्होंने अपनी कैबिनेट से इसके लिए कानूनी अनुमति ली थी. इमरान ने 2.15 करोड़ रुपये में इन गिफ्ट्स को खरीदा और करीब 8 करोड़ रुपये में बेच दिया. इसमें इमरान खान को करीब 5 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था.
यह भी पढ़ें: Toshakhana case: इमरान खान किसी भी वक्त हो सकते हैं गिरफ्तार, वारंट लेकर घर पर पहुंची पुलिस
इमरान खान ने कहा था कि गिफ्ट्स रखना या बेचना उनका हक है
बकायदा एक इंटरव्यू में इमरान खान ने इसको लेकर खुलकर बात की थी. इमरान खान ने कहा था कि यह गिफ्ट्स उन्हें मिला था और उनका हक है कि वह गिफ्ट्स को अपने पास रखे या उसे महंगे या सस्ते दामों पर बेचे. उन्होंने विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद और आधारहीन बताया था. उन्होंने कहा था कि तोशाखाना से जो भी खरीद-बिक्री हुई है. उस सबका रिकॉर्ड है.
चुनाव आयोग ने इमरान खान की सदस्यता रद्द की
विपक्ष ने इस मुद्दे को जोर से उठाया. जिसके बाद पाकिस्तान चुनाव आयोग ने इमरान खान की संसद से सदस्यता रद्द करने का ऐलान किया. इससे इमरान खान की सरकार गिर गई. साथ ही यह मामला कोर्ट में पहुंच गया.कोर्ट में चार साल तक यह मामला चला. कोर्ट ने इमरान खान को 28 फरवरी को पेश होने का आदेश जारी किया, लेकिन इमरान खान इस दिन कोर्ट में नहीं पहुंचे, जिसके बाद कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया. पुलिस अब इमरान खान को गिरफ्तार करने के लिए उनके आवास के बाहर पहुंची हुई है.