अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अदालत ने कहा कि राष्ट्रपति रहते हुए ट्रंप द्वारा लिए गए फैसलों पर अब कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती है. ट्रंप को अदालत ने संसद पर हमले वाले मामले में राहत दी है. दरअसल, ट्रंप पर आरोप है कि नवंबर 2020 में अमेरिका के राष्ट्रपति रहते हुए उन्होंने नतीजों को पलटने की साजिश रची है. इसके अलावा उनके समर्थकों ने संसद पर चढ़ाई कर दी थी. अदालत में उनके खिलाफ केस चल रहा था. हालांकि, इसके खिलाफ उन्होंने निचली अदालत में अपील की थी कि पूर्व राष्ट्रपति होने के नाते उन पर केस न चलाया जाए और उन्हें इन सबसे छूट मिले. ट्रंप की अपील को लोअर कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
हालांकि, निचली अदालत के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया है. खास बात है कि अमेरिका की इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति पर अपने कार्यकाल के दौरान किए गए कामों के लिए केस नहीं चलाया जा सकता. ट्रंप ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई है. उन्होंने इसे संविधान और लोकतंत्र की जीत बताया है.
तीन जजों ने किया विरोध
अमेरिकी मीडिया के अनुसार, अदालत ने 6-3 की बहुमत से यह फैसला सुनाया है. आसान भाषा में कहें तो ट्रंप के पक्ष में 6 तो उनके विपक्ष में 3 जजों ने पक्ष रखा था. खास बात है कि जिन तीन जजों ने फैसले के पक्ष में वोट किया, उन्हें बाइडन प्रशासन ने नियुक्त किया था. फैसले पर तीन जजों ने कहा कि ट्रंप को कानून से ऊपर राजा बना दिया गया है. कोर्ट के फैसले से ट्रंप के राष्ट्रपति अभियान को गति मिल सकती है. ट्रंप को मीडिया का अब सारा कवरेज मिल सकता है. अदालत का फैसला बाइडन के लिए झटका है.
गुप्त धन मामले में दोषी, 11 को सजा
वहीं. गुप्त धन मामले में ट्रंप को अदालत पहले ही दोषी करार दे चुकी है. ट्रम्प को 11 जुलाई को सजा सुनाई जाएगी. ट्रंप अमेरिका के पहले पूर्व उप राष्ट्रपति हैं, जिन्हें अपराधी घोषित किया गया है और सजा सुनाई जाने वाली हो. ट्रंप ने मुकदमे को अपमानजनक बताया। ट्रंप पर आरोप था कि उन्होंने साल 2016 में व्हाइट हाउस आने से पहले अडल्ट स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स के साथ अपने अवैध संबंध छिपाए. उन्होंने मुंह बंद रखने के लिए डेनियल्स को पैसे भी दिए और व्यापारिक रिकॉर्डों में हेराफेरी की.
Source : News Nation Bureau