वित्तीय बाजार को हिला देने वाले, आम लोगों की जिंदगी को महंगाई से भर देने वाले और अपनी ही पार्टी के अधिकांश नेताओं को नाराज कर देने वाले आर्थिक कार्यक्रम को लागू करने वाली ब्रिटिश प्रधानमंत्री लिज ट्रस (Liz Truss) ने महज छह हफ्तों में ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया. संसद में भारी बहुमत से सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी (Conservative Party) अब 28 अक्टूबर तक लिज ट्रस के उत्तराधिकारी का नाम तय करेगी. एक लिहाज से देखें तो इस साल भारी आर्थिक संकट के साथ-साथ ब्रिटेन की राजनीति ने तमाम उतार-चढ़ाव देखे हैं. बीते महज 4 महीनों में ही ब्रिटेन दो प्रधानमंत्रियों समेत चार वित्त मंत्रियों और तीन गृह मंत्रियों को देख चुका है. इसी साल राजशाही में भी बदलाव हुआ और महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद चार्ल्स (King Charles) ब्रिटेन के नए महाराजा बने.
ब्रिटिश वित्त मंत्री पद तो 'आया राम गया राम' हुआ
विगत कुछ महीनों में ब्रिटेन का वित्त मंत्री पद तो 'आया राम गया राम' परिपाटी को चरितार्थ करते दिखा है. युनाइटेड किंग्डम के प्रधानमंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे भारतीय मूल के ऋषि सुनक ने जुलाई में वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके स्थान पर आए नदीम जहावी ने सितंबर में वित्त मंत्री के पद से त्यागपत्र दे दिया. इन दो वित्त मंत्रियों का त्यागपत्र बोरिस जॉनसन के प्रधानमंत्री रहते हुए आया. इसके बाद आए क्वासी क्वारतेंग, जिनकी आर्थिक नीतियां ही लिज ट्रस को भारी पड़ी. जबर्दस्त आलोचना का वायस बनी आर्थिक नीतियों की वजह से लिज ट्रस को क्वासी क्वारतेंग को बर्खास्त करना पड़ा और अंततः खुद भी पीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा. फिलवक्त जैरेमी हंट के पास ब्रिटेन के वित्त मंत्री की जिम्मेदारी है.
यह भी पढ़ेंः Liz Truss 300 सालों में सबसे कम दिनों तक PM रहने का रिकॉर्ड, भारत में रहे ये...
ब्रिटेन को मिला तीसरा गृह मंत्री
ब्रिटिश राजनीति के लिए मानों यही पर्याप्त नहीं था. वित्त मंत्री के साथ-साथ गृह मंत्री भी लगातार बदलते रहे. प्रीति पटेल के बाद उनकी उत्तराधिकारी बनीं सुएल ब्रेवरमैन को भारत विरोधी टिप्पणी की वजह से पद छोड़ना पड़ा. फिलवक्त ग्रांट शैप्स को गृह मंत्री पद का भार सौंपा गया है. इसके पहले विवादों के केंद्र में आने पर बोरिस जॉनसन को ब्रिटिश पीएम के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. उनके बाद लिज ट्रस ने ऋषि सुनक को चुनावी प्रक्रिया में काफी पीछे छोड़ प्रधानमंत्री पद हासिल किया. लिज ट्रस करो में भारी कटौती और लोक-लुभावन आर्थिक नीतियों का वादा कर पीएम बनी थीं. उन्हीं के निर्देश पर क्वासी क्वारतेंग ने आर्थिक प्रोग्राम पेश किया, जो उनकी बर्खास्तगी और फिर लिज ट्रस के इस्तीफे का कारण बना. इसी साल ब्रिटेन ने राजशाही में भी बदलाव देखे. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मौत के बाद चार्ल्स नए महाराज चुने गए. कह सकते हैं कि काफी सनसनीखेज रहा है ब्रिटेन के लिए यह साल खासकर बीते कुछ महीने.
HIGHLIGHTS
- इसी साल सितंबर में ब्रिटिश राजशाही में भी बदलाव देखा ब्रिटेनवासियों ने
- भारत विरोधी टिप्पणी के बाद सुएल ब्रेवरमैन ने गृह मंत्री पद से दिया इस्तीफा
- अब 28 अक्टूबर तक कंजर्वेटिव पार्टी लिज ट्रस का उत्तराधिकारी तय करेगी
Source : News Nation Bureau