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France Election: पहले चरण के नतीजों में राष्ट्रपति मैक्रों को लगा झटका, विपक्षी पार्टी चुनाव में रहीं हावी

फ्रांस में पहले चरण के नतीजे सामने आ गए हैं. नतीजों में राष्ट्रपति मैक्रों की पार्टी को झटका लगा है, परिणामों में विपक्षी दल हावी दिखे.

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Publive Team
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Emmanuel Macron

Emmanuel Macron ( Photo Credit : Social Media)

France Election: फ्रांस के संसदीय चुनाव में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की पार्टी पिछड़ गई हैं. वोटिंग के एक दिन बाद सोमवार को फ्रांस के गृह मंत्रालय ने रिजल्ट जारी किए. दक्षिणपंथी नेशनल रैली को सबसे अधिक 35.15 प्रतिशत वोट मिले. मैक्रों की रेनेसां पार्टी तीसरे नंबर पर रही, जिसे 20.76 प्रतिशत वोट मिले. दूसरे नंबर पर वामपंथी पार्टी न्यू पॉपुलर फ्रंट रही, जिसे 27.99 प्रतिशत वोट मिलें. बता दें, फ्रांस में एक दिन पहले रविवार को 577 सीटों वाली नेशनल असेंबली के लिए पहले चरण की वोटिंग हुई. दूसरा चरण सात जुलाई को है.

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मीडिया रिपोर्ट की मानें तो दूसरे चरण में वही उम्मीदवार चुनाव लड़ सकते हैं, जिन्हें पहले चरण में 12.5 प्रतिशत वोट मिले हों. नेशनल असेंबली में बहुमत हासिल करने के लिए किसी भी दल को 289 सीटें जीतना आवश्यक है. वैसे तो फ्रांस की संसद का कार्यकाल 2027 में खत्म होना था पर राष्ट्रपति मैक्रों ने समय के पहले ही संसद भंग कर दी. दरअसल, मैक्रों गठबंधन सरकार चला रहे थे. उनके गठबंधन के पास मात्र 250 सीटें हैं. हर एक बिल को पारित कराने के लिए अन्य दलों के साथ सांठ-गांठ करना पड़ता था. नेशनल रैली (NR) के पास 88 सीटें हैं। 

इस पार्टी को मिल सकती हैं इतनी सीटें

अमेरिकी न्यूज चैनल का अनुमान है कि नेशनल रैली दूसरे चरण के बाद 230 से 280 सीटें जीत सकती है. वहीं, वामपंथी 125-165 सीटें जीत सकती है. इसके अलावा, मैक्रों की रेनेसां पार्टी और उनके गठबंधन को 70 से 100 सीटें ही मिलने का अनुमान है. संसदीय चुनाव अगर मैक्रों की पार्टी हार भी जाती है तो भी मैक्रों राष्ट्रपति पद पर बने रहेंगे. उन्होंने पहले ही साफ कर दिया है कि नतीजे जो भी हों, वे राष्ट्रपति पद से इस्तीफा नहीं देंगे. 

यूरोपीय संघ के चुनाव के बाद मैक्रों ने भंग की नेशनल असेंबली

छह जून को यूरोपीय संघ की ससंद के लिए चुनाव हुए थे. इस दौरान फ्रांस की राजनीतिक परिस्थितियों ने सबसे अधिक अधिक चौंकाया था. चुनाव के दौरान, मरीन ला पेन की पार्टी नेशनल रैली ने मैक्रों को झटका दे दिया था. मरीन ला दक्षिणपंथी नेता मानी जाती है. संघ के चुनावों के बाद ही मैक्रों ने अचानक संसदीय चुनावों की घोषणा कर दी, जिससे सब हैरान हो गए. उन्होंने कहा था कि मैं नेशनल असेंबली भंग कर रहा हूं. मैं चाहता हूं कि आप वोटिंग के जरिए देश का भविष्य चुनें. दक्षिण पंथी पार्टियां आगे बढ़ रही हैं और ऐसे हालातों को मैं स्वीकार नहीं कर सकता.  

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Source : News Nation Bureau

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