अगर दो महीने में फ्रांस (France) के अलग-अलग शहरों में हुए हमलों को आधार बनाएं तो कह सकते हैं कि इस्लामिक कट्टरता के खिलाफ खड़ा यह देश इस्लामिक आतंकवाद (Islamic Terror) की चपेट में है. शिक्षिका का सिर कलम किए जाने के लगभग पखवाड़े भर बाद फ्रांस के नीस शहर में गुरुवार को एक चर्च में हमलावर ने चाकू से हमला कर तीन लोगों को मौत के घाट उतार दिया. हमलावर की पहचान ट्यूनीशिया (Tunisia) के नागरिक के रूप में हुई है, जो हाथ में कुरान (Quran) लेकर घुसा था. लोगों को मारते वक्त उसने इस्लामिक नारे भी लगाए. गौरतलब है कि पिछले दो महीनों में फ्रांस में इस तरह का यह तीसरा हमला है.
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इटली के रास्ते पेरिस पहुंचा ट्यूनीशियाई हमलावर
नीस के स्थानीय अखबार ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि नोट्रे-डेम बेसिलिका के अंदर गुरुवार को लोगों पर हमला करने वाला ट्यूनीशिया का नागरिक है, जो 21 साल का है और उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. हमले की जांच कर रही फ्रांस के आतंकवाद-निरोधी अभियोजक ने कहा कि हमलावर 1999 में पैदा हुआ था. वह इटली के रास्ते आया है. वह लैम्पेदुसा के इतालवी द्वीप से चलकर 20 सितंबर को इटली पहुंचा और फिर 9 अक्टबर को पेरिस पहुंचा. नोट्रेड्रम चर्च (गिरिजाघर) में हमले को अंजाम देने वाला हमलावर पुलिस द्वारा पकड़े जाने के दौरान घायल हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
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अल्लाह-ओ-अकबर के नारे भी लगाए
नीस के मेयर क्रिस्चियन एस्त्रोसी ने कहा, 'हमलावर घायल होने के बाद भी बार-बार 'अल्लाह अकबर' चिल्ला रहा था. एस्त्रोसी ने ही बीएफएम टेलीविजन को बताया कि हमले में दो लोगों की मौत हुई है, दो की गिरिजाघर में जबकि बुरी तरह से घायल तीसरे व्यक्ति ने वहां से भागने के दौरान दम तोड़ा. उल्लेखनीय है कि यह घटना ऐसे समय हुई है जब फ्रांस में आतंकवादी हमले को लेकर पहले ही अलर्ट जारी किया हुआ है. गौरतलब है कि यह घटना 47 वर्षीय एक शिक्षक सैमुअल पैटी की खौफनाक हत्या के दो सप्ताह घटी है.