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Rafale सौदे की फ्रांस करा रहा न्यायिक जांच, जज भी नियुक्त

अब पीएनएफ के नए प्रमुख जीन-फ्रेंकोइस बोहर्ट ने जांच का समर्थन करने का फैसला किया है.

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Nihar Saxena
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Rafale

अब हो जाएगा दूध का दूध और पानी का पानी.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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भारत के साथ लड़ाकू विमान राफेल (Rafale) के लगभग 59,000 करोड़ रुपए के सौदे में कथित भ्रष्टाचार (Corruption) की जांच को लेकर फ्रांस सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. इस सौदे की अब फ्रांस में न्यायिक जांच होगी और इसके लिए एक फ्रांसीसी जज को नियुक्त भी कर दिया गया है. एक फ्रांसीसी ऑनलाइन जर्नल मेडियापार्ट की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है. मीडियापार्ट ने कहा '2016 में हुई इस इंटर गवर्नमेंट डील की अत्यधिक संवेदनशील जांच औपचारिक रूप से 14 जून को शुरू की गई थी'. गौरतलब है कि 2016 में भारत सरकार ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का सौदा किया था. इनमें से एक दर्जन विमान भारत (India) को मिल भी गए हैं और 2022 तक सभी विमान मिल जाएंगी. जब यह सौदा हुआ था, तब भी भारत में काफी विवाद हुआ था. लोकसभा चुनाव से पहले राफेल लड़ाकू विमान की डील में भ्रष्टाचार के मसले पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा था.

सबूतों की जांच को रोकने का आरोप
फ्रांसीसी वेबसाइट ने अप्रैल 2021 में राफेल सौदे में कथित अनियमितताओं पर कई रिपोर्टें प्रकाशित कीं थी. उन रिपोर्टों में से एक में, मीडियापार्ट ने दावा किया कि फ्रांस की सार्वजनिक अभियोजन सेवाओं की वित्तीय अपराध शाखा के पूर्व प्रमुख, इलियाने हाउलेट ने सहयोगियों की आपत्ति के बावजूद राफेल जेट सौदे में भ्रष्टाचार के कथित सबूतों की जांच को रोक दिया. इसने कहा कि हाउलेट ने 'फ्रांस के हितों, संस्थानों के कामकाज' को संरक्षित करने के नाम पर जांच को रोकने के अपने फैसले को सही ठहराया'. अब इसमें कहा गया कि शुक्रवार को फ्रांसीसी लोक अभियोजन सेवाओं की वित्तीय अपराध शाखा द्वारा इस बात की पुष्टि की गई. 

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राष्ट्रपति फ्रांक्वा ओलांद के इर्द-गिर्द जांच
मीडियापार्ट की नई रिपोर्ट में कहा गया है, 'अब पीएनएफ के नए प्रमुख जीन-फ्रेंकोइस बोहर्ट ने जांच का समर्थन करने का फैसला किया है.' मीडियापार्ट ने कहा, आपराधिक जांच तीन लोगों के आसपास के सवालों की जांच करेगा. इसमें पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांक्वा ओलांद, जो सौदे पर हस्ताक्षर किए जाने के समय पद पर थे, वर्तमान फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, जो उस समय हॉलैंड की अर्थव्यवस्था और वित्त मंत्री थे और विदेश मंत्री जीन-यवेस ले ड्रियन, जो उस समय रक्षा विभाग संभाल रहे थे शामिल हैं.

HIGHLIGHTS

  • राफेल सौदे में कथित भ्रष्टाचार की जांच पर फ्रांस सरकार ने उठाया बड़ा कदम
  • आपत्ति के बावजूद राफेल जेट सौदे में भ्रष्टाचार के कथित सबूतों की जांच रोकी
  • लगभग 59,000 करोड़ रुपए का है सौदा, 36 लड़ाकू विमान मिलेंगे भारत को
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