कोरोना वायरस महामारी के साए में 15वां जी-20 देशों के नेताओं का शिखर सम्मेलन आज से शुरू होने जा रहा है. पहली बार यह जी-20 समिट सऊदी अरब में हो रहा है. समिट की अध्यक्षता अरब के किंग सलमान करेंगे. इस शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शिरकत करेंगे. इस बार का शिखर सम्मेलन 'सभी के लिए 21वीं सदी के अवसरों का एहसास' विषय पर आयोजित हो रहा है. कोरोना वायरस की वजह से 21-22 नवंबर तक चलने वाला यह समिट वर्चुअल होगा.
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सऊदी ने वापस लिया गलत नक्शे वाला बैंक नोट
हालांकि जी-20 समिट से ठीक पहले सऊदी अरब ने रियाद के नोट पर छपे भारत के गलत नक्शे को वापस ले लिया है. सऊदी अरब ने नए 20 रियाल के नोट पर प्रिंट किए गए वैश्विक मानचित्र में जम्मू-कश्मीर और लेह को भारत के हिस्से के रूप में नहीं दिखाया था. नोट को सऊदी अरब के मॉनिटरी अथॉरिटी ने 24 अक्टूबर को सऊदी द्वारा जी-20 की अध्यक्षता करने के अवसर पर जारी किया था.
साल 2020 में यह दूसरी बैठक
उल्लेखनीय है कि इस साल जी-20 देशों के नेताओं की यह दूसरी बार बैठक होने जा रही है. इससे पहले इसी साल मार्च में जी-20 समिट हुआ था. आज से शुरू होने वाले जी-20 सम्मेलन में कोरोना महामारी के प्रभावों, भविष्य की स्वास्थ्य सुरक्षा योजनाओं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के कदमों पर विचार विमर्श किया जा सकता है.
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जी-20 समूह के बारे में
जी-20 भारत-चीन और अमेरिका समेत 20 देशों को एक समूह है. इनमें शामिल अन्य देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और यूरोपीय संघ हैं. 1999 में इसकी स्थापना हुई. इस सम्मेलन में पहले अलग-अलग देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर शामिल होते थे. लेकिन 2008 में इस सम्मेलन में इन देशों के प्रमुखों को शामिल किया गया. जी-20 के सभी देश दुनिया के 85 फीसदी सकल घरेलू उत्पादन, 75 फीसदी वैश्विक व्यापार और दुनिया की दो तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं.
Source : News Nation Bureau