इंडोनेशिया के बाली द्वीप में मंगलवार को 17वां जी20 शिखर सम्मेलन शुरू हुआ. इसमें विश्व आर्थिक सुधार, विश्व स्वास्थ्य प्रणाली और जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दे केंद्र में रहे. समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के दौरान रिकवर टुगेदर, रिकवर स्ट्रॉन्गर थीम के तहत डिजिटल परिवर्तन और खाद्य व ऊर्जा सुरक्षा सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि शिखर सम्मेलन समावेशी वैश्विक आर्थिक सुधार के लिए एक उत्प्रेरक साबित हो सकता है.
राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि जिम्मेदार होने का मतलब अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों का सम्मान करना है.
विडोडो ने कहा, हमें दुनिया को टुकड़ों में नहीं बांटना चाहिए.
गौरतलब है कि शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब दुनिया आर्थिक सुधार, कोविड-19 महामारी, मुद्रास्फीति आदि चुनौतियों का सामना कर रही है.
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अक्टूबर में इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में 3.2 प्रतिशत और 2023 में 2.7 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान लगाया था.
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय शिखर सम्मेलन में बहुपक्षवाद, खुलेपन, समावेशिता और सहयोग को बढ़ावा देने की अपेक्षा रखता है.
1999 में स्थापित जी20 वित्तीय और आर्थिक मुद्दों पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए एक केंद्रीय मंच है.
इसमें 19 देश अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल है.
Source : IANS