G20 Summit बाली में जो बाइडन और शी जिनपिंग के दिल मिले धीरे-धीरे

रूस की परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की गैर-जिम्मेदाराना धमकी के बीच जो बाइडन ने शी जिनपिंग के समक्ष उत्तरी कोरिया के आक्रामक व्यवहार पर भी गंभीर चिंता जाहिर की. नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा से दोनों देशों के संबंधों में आए तनाव के बीच यह उनकी पहली मु

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Nihar Saxena
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Xi Biden

शी और जो में तीन घंटे हुई बातचीत.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ( Joe Biden) और उनके समकक्ष चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) परस्पर बातचीत में इस बात पर सहमत थे कि परमाणु युद्ध कभी भी नहीं होना चाहिए. इसके साथ ही दोनों ने यूक्रेन (Russia Ukraine War) पर परमाणु हथियार के इस्तेमाल या उसकी धमकी पर भी अपने विचार साझा किए. व्हाइट हाउस से जारी बयान के मुताबिक इंडोनेशिया में हो रहे जी20 (G20) शिखर सम्मेलन के बीच दो राष्ट्राध्यक्षों की बैठक में जलवायु परिवर्तन, जिनजियांग, तिब्बत और हांगकांग में मानवाधिकार समेत कई मसलों पर बातचीत हुई. तमाम मसलों पर हुई विस्तृत चर्चा के दौरान जो बाइडन ने ताइवान के खिलाफ चीन की जबर्दस्ती और आक्रामक कार्रवाई का मसला भी उठाया, जिससे ताइवान स्ट्रेट में स्थायित्व को खतरा उत्पन्न हुआ है. इधर चीन के राष्ट्रीय मीडिया के अनुसार शी जिनपिंग ने अपने समकक्ष जो बाइडन से कहा कि अमेरिका और चीन दोनों के लिए समृद्ध होने के लिए दुनिया बेहद बड़ी है. विद्यमान हालातों में दोनों देश तमाम साझा हितों से जुड़े हुए हैं. शी जिनपिंग ने जोर देकर कहा कि बीजिंग अमेरिका को चुनौती देने की नहीं सोच रहा है. इसके साथ ही उसका विद्यमान वैश्विक व्यवस्था को भी बदलने का कोई इरादा नहीं है. 

कई वैश्विक मसलों पर साथ काम करने पर जोर
चीन के राष्ट्रीय ब्रॉडकास्टर सीसीटीवी के मुताबिक शी जिनपिंग और जो बाइडन के बीच तीन घंटे से ज्यादा बातचीत हुई. मिलते ही दोनों ने हाथ मिलाया और उसके बाद बाइडन ने कहा कि दोनों को शेष विश्व को दिखाना होगा कि वे अपने मतभेद दूर करने में सक्षम हैं और किसी किस्म की प्रतिस्पर्धा को संघर्ष में नहीं बदलने देने के लिए प्रतिबद्ध भी. सीसीटीवी के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि अमेरिका और चीन को मिलकर जलवायु परिवर्तन, वैश्विक आर्थिक स्थिरता. स्वास्थ्य और वैश्विक खाद्य सुरक्षा जैसी बहुदेशीय चुनौतियों से निपटने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए. उन्होंने स्वीकार किया कि शेष विश्व भी दोनों देशों से यही उम्मीद करता है. 

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उत्तर कोरिया को लेकर भी जाहिर की चिंता
हालिया महीनों में अमेरिका-चीन के बीच ताइवान कड़वाहट का बड़ा सबब बना हुआ है. खासकर अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताईपे यात्रा के बाद बीजिंग ने बेहद कड़े और आक्रामक शब्दों का इस्तेमाल किया है. ताइवान की पृष्ठभूमि में जो बाइडन ने फिर दोहराया कि चीन के हमले की सूरत में अमेरिका उसकी मदद को आगे आएगा. इसके अलावा रूस की परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की गैर-जिम्मेदाराना धमकी के बीच जो बाइडन ने शी जिनपिंग के समक्ष उत्तरी कोरिया के आक्रामक व्यवहार पर गंभीर चिंता जाहिर की. जो बाइडन ने विश्व से आह्वान किया कि वे उत्तर कोरिया को जिम्मेदाराना व्यवहार के लिए प्रोत्साहित करें. इसके साथ ही बाइडन ने यह भी स्पष्ट किया कि वॉशिंगटन डीसी अपने हिंद-प्रशांत क्षेत्रों के मित्रों के साथ खड़ा रहेगा. 

HIGHLIGHTS

  • नैंस पेलोसी की ताइवान यात्रा से उपजे तनाव के बीच पहली मुलाकात
  • हाथ मिलाने से शुरू हुआ सिलसिला तीन घंटे विस्तृत वार्ता पर खत्म हुआ
  • रूस-यूक्रेन युद्ध और उत्तर कोरिया पर भी दोनों के बीच हुई चर्चा

Source : News Nation Bureau

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