भारत में जी-20 सम्मेलन के बाद और लोकसभा चुनाव से पहले हिंडनबर्ग रिपोर्ट 2.0 जारी होने की आशंका जताई जा रही है. विदेशों में बैठे भारत विरोधी बैठे कुछ लोग मोदी सरकार को घेरने के लिए रिपोर्ट लाने की तैयारी में जुटे हुए हैं. हाल ही में एक रिपोर्ट के आधार पर ऐसी आशंका जताई जा रही है. जॉर्ज सोरोस समर्थित संगठन भारतीय कॉरपोरेट पर बड़े खुलासे करने की तैयारी में है. सोरोस समेत तमाम भारत और मोदी विरोधी गुट एकजुट होकर देश में माहौल बिगाड़ने की कोशिश करेंगे. एंटी-मोदी समूहों 2014 से इस प्रयास में है कि किसी भी तरह से बीजेपी की सरकार और नरेंद्र मोदी की रथ को रोका जाए.
बता दें कि भारतीय बाजार में जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने अडानी समूह पर रिपोर्ट का खुलासा किया था. रिपोर्ट आने के बाद अडानी शेयरों में जबरदस्त गिरावट का दौर शुरू हो गया था. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि गौतम अडानी की ग्रुप कंपनियां अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं. इस रिपोर्ट ने भारत में सियासी तूफान ला दिया था. हालांकि, इसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया.इस बीच खबर आ रही है कि देश में औद्योगिक समूहों में फिर से जनवरी 2023 जैसा माहौल बनाने की कोशिश की जा सकती है. हंगेरियन-अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरस 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से भारत के खिलाफ लगातार माहौल खराब करने की कोशिश कर रहा है.
झूठी रिपोर्ट से अस्थिर करने की साजिश
सोरोस समर्थित ओसीसीआरपी पर भ्रामक जानकारियां प्रकाशित करने का आरोप है. क्योंकि अडानी समूह पर इसी साल जनवरी 2023 में आई इसकी रिपोर्ट से खुलासा हो गया था. देश के सर्वोच्च न्यायालय ने इस रिपोर्ट को निराधार बताया था. हालांकि, हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने विपक्षी दलों को एक हथियार दे दिया था. विपक्षी दलों ने पूरे सत्र में संसद को नहीं चलने दिया था. संसद से लेकर सड़क तक विपक्षी पार्टियों ने जमकर प्रदर्शन किया था.
Source : News Nation Bureau