गूगल के सीईओ सुन्दर पिचई ने एक घोषणा में कहा है कि इंटरनेट कंपनी नस्लवाद के खिलाफ लड़ाई में 3.7 करोड़ डॉलर का योगदान देगी. गौरतलब है कि अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की हिरासत में हुई मौत को लेकर पूरे अमेरिका में प्रदर्शन जारी है, उसी की पृष्ठभूमि में पिचई ने यह घोषणा की है. सभी कर्मचारियों को बुधवार को भेजे गए ईमेल में गूगल और अल्फाबेट के भारतीय-अमेरिकी सीईओ ने सभी से अनुरोध किया कि वे मारे गए काले लोगों की याद और सम्मान में आठ मिनट 46 सेंकेड का मौन रखें और एकजुटता प्रदर्शित करें. पिचई ने इस मौन के संदर्भ में कहा कि, यह सांकेतिक प्रदर्शन है और जॉर्ज फ्लॉयड मरने से पहले इतनी ही देर तक सांस लेने के लिए तड़पता रहा था. यह फ्लॉयड और अन्य लोगों के साथ हुए अन्याय को याद दिलाता रहेगा.
3.7 करोड़ डॉलर किस रूप में दिए जाएंगे, इस संदर्भ में 47 वर्षीय पिचई ने कहा कि नस्लवाद के खिलाफ लड़ रही संस्थाओं को मदद के रूप में 1.2 करोड़ डॉलर दिए जाएंगे जबकि 2.5 करोड़ डॉलर की राशि विज्ञापन अनुदान के रूप में होगी ताकि नस्लवाद के खिलाफ लड़ रही संस्थाओं की मदद हो सके और उन्हें महत्वपूर्ण सूचनाएं मिल सकें. पिचई ने कहा, हमारा पहला अनुदान 10-10 लाख डॉलर की राशि हमारे पुराने सहयोगियों सेन्टर फॉर पोलिसिंग इक्विटी और इक्वल जस्टिस इनिशिएटिव को जाएगी. हम अपने गूगल डॉट ओआरजी फेलोज प्रोग्राम की मदद से तकनीकी सहयोग मुहैया कराएंगे. यह पिछले पांच साल में हमारे द्वारा नस्लवाद के खिलाफ लड़ाई में दिए गए 3.2 करोड़ डॉलर के योगदान से बना है.
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सीईओ सुंदर पिचाई साझा की तकलीफ
सीईओ ने मेल में लिखा है, हमारे समाज के काले लोग तकलीफ में हैं और हमारे बीच से कई लोग अपनी भावनाओं के आधार पर उनके साथ खड़े होने के तरीके खोज रहे हैं और हम जिनसे प्यार करते हैं उनके साथ एकजुटता दिखाने के रास्ते तलाश रहे हैं. उन्होंने लिखा है, कल, मैंने हमारे काले नेताओं के एक समूह से बातचीत की, यह जानना चाहा कि यहां से आगे का रास्ता क्या होगा और गूगल इसमें कैसे मदद कर सकता है. हमने कई विचारों पर चर्चा की और हम रास्ता निकाल रहे हैं कि आखिर आने वाले सप्ताहों और महीनों और भविष्य में अपनी ऊर्जा कहां से लाएंगे.
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ये था पूरा मामला
अमेरिका में 46 वर्षीय काले व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड को एक श्वते पुलिसकर्मी ने जमीन पर गिराया और उसकी गर्दन पर घुटना रखकर उसे दबा दिया. इस दौरान फ्लॉयड सांस लेने के लिए तड़पता रहा और अंतत: उसकी मौत हो गई. इस घटना के बाद से अमेरिका में देश के इतिहास का सबसे बड़ा नागरिक अशांति का दौर शुरू हुआ है. घटना के विरोध में देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं, कहीं शांतिपूर्ण तरीके से तो कहीं हिंसा भी हो रही है. इन प्रदर्शनों के दौरान हजारों लोग गिरफ्तार किए गए हैं. न्यूयॉर्क और वाशिंगटन डीसी सहित कई शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है.