हवाई की एक फेडरल कोर्ट ने फैसला दिया है कि अमेरिका में रहने वाले लोगों के दादा-दादी और अन्य रिश्तेदार, जो बाहर रहते हैं, उन्हें राष्ट्रपति ट्रंप के यात्रा प्रतिबंध के तहत देश में प्रवेश से रोका नहीं जा सकता। यह फैसला ट्रंप के छह मुस्लिम देशों पर प्रतिबंध की माइग्रेशन पॉलिसी के लिए एक कानूनी झटका है।
'द वॉशिंगटन पोस्ट' के अनुसार, हवाई की एक जिला अदालत के जज डेरिक वॉटसन ने गुरुवार रात यह आदेश देते हुए कहा कि पारिवारिक रिश्तेदारों की फेडरल सरकार की सूची में दादा-दादी, पोते, चाचा-चाची और अन्य रिश्तेदारों को शामिल कर इसका विस्तार किया जाना चाहिए।
वॉटसन ने कहा कि सरकार की करीबी परिवार की परिभाषा सामान्य समझ से विपरीत है।उन्होंने कहा, 'उदाहरण के लिए करीबी परिवार के सदस्यों में दादा-दादी भी शामिल होते हैं।'
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26 जून को अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को यात्रा प्रतिबंध लागू करने का आदेश दे दिया था, लेकिन कोर्ट ने इस प्रतिबंध के दायरे में आने वाले पारिवारिक सदस्यों को लेकर कोई दिशा-निर्देश नहीं दिया था।
इसके बाद ट्रंप की सरकार ने यहां रहने वाले लोगों के बेहद करीबी जैसे पति-पत्नी, माता-पिता, सास-ससुर, बच्चे, बहू-दामाद, मंगेतर और भाई-बहन को इस प्रतिबंध के दायरे से बाहर रखते हुए अमेरिका में प्रवेश की अनुमति दी थी जबकि दादा-दादी, चाचा-चाची, भांजे-भतीजे, चचेरे भाई-बहन, साले-साली पर प्रतिबंध लगा दिया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन सहित 6 मुस्लिम देशों से आने वाले लोगों पर यात्रा प्रतिबंध का आदेश 29 जून को अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद लागू हो गया था।
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Source : IANS