Toolkit case : टूलकिट मामले में पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि (Disha Ravi) को तीन दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की मांग को मंजूर करते हुए यह फैसला सुनाया है. इस पर जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) ने दिशा रवि का समर्थन करते हुए कहा कि लोकतंत्र का मूल हिस्सा बोलने की आजादी होना चाहिए. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- बोलने की आजादी, शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन और जनसभा करना मानवाधिकार है. ये किसी लोकतंत्र का मूल हिस्सा होना चाहिए.
स्वीडन की रहने वाली एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने Fridays For Future के एक ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए यह बात लिखी है, जिसमें उन्होंने #StandWithDishaRavi हैशटैग किया है. अगस्त 2018 में ग्रेटा थनबर्ग ने इस संगठन की स्थापना की थी, जब वह महज 15 साल की थीं.
Freedom of speech and the right to peaceful protest and assembly are non-negotiable human rights. These must be a fundamental part of any democracy. #StandWithDishaRavi https://t.co/fhM4Cf1jf1
— Greta Thunberg (@GretaThunberg) February 19, 2021
दिल्ली की अदालत ने दिशा रवि को 3 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने शुक्रवार को दो की पूछताछ करने के बाद टूलकिट मामले की आरोपी दिशा रवि (Disha Ravi) को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया. इस दौरान पुलिस ने कोर्ट में दिशा को अभी तीन दिन के लिए जेल भेजने की मांग की. इस पर दिशा के वकील ने आरोप लगाया है कि इस मामले में केस दायरी हाईकोर्ट रूल के मुताबिक नहीं है और ये ही उनके ज़मानत पर छूटने के आधार है. कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद दिशा रवि को तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा कि दो दिन की पुलिस कस्टडी के दौरान पूछताछ में दिशा रवि सवालों से बचती रही है. इस दौरान दिशा ने सारा दोष निकिता और शांतनु पर मढ़ दिया है. हमने शांतनु को 22 फरवरी को पूछताछ के लिए समन भेजा है. हालांकि, दिल्ली की अदालत ने दिल्ली पुलिस को झटका देते हुए दिशा को तीन दिन न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
वहीं, टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस को लगातार बड़े सुराग हाथ लग रहे हैं. इस पूरे मामले में आरोपी दिशा रवि ने दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी देकर मांग की थी कि जांच से जुड़े मटेरियल मीडिया के साथ शेयर न किए जाएं. इसके साथ ही दिशा ने ये भी मांग की थी कि कोर्ट मीडिया संस्थानों पर उसके वॉट्सऐप चैट को प्रकाशित या प्रसारित करने से रोक लगाए. दिशा रवि की इसी याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की. कोर्ट ने मामले की सुनवाई में दिशा को झटका देते हुए मीडिया को मामले से जुड़ी कुछ अहम बातें ध्यान में रखने के आदेश दिए हैं.
दिशा रवि की याचिका पर आज की सुनवाई पूरी हो गई है. कोर्ट ने दिशा रवि की अर्जी पर केन्द्र, NBSA, मीडिया संस्थानों को 1 हफ्ते के अंदर जवाब देने के आदेश दिए हैं. इसके बाद दिशा रवि को उनका जवाब देने के लिए 1 हफ्ते का समय मिलेगा. इस मामले में अब अगली सुनवाई मार्च में होगी.
कोर्ट ने सुनवाई में कहा कि पत्रकार को उसकी जानकारी का सोर्स बताने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है. लेकिन सोर्स की विश्वसनीयता को लेकर पुष्टि होनी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि निजता के अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच संतुलन होना बहुत जरूरी है. इस मामले में पुलिस का कहना है कि उन्होंने कोई भी जानकारी मीडिया में लीक नहीं की है और वे आगे भी इसका पालन करेगी.
कोर्ट ने टूलकिट मामले में दिशा रवि की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि मीडिया संस्थान को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी ओर से प्रसारित खबरें विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से ही हों. चैनल हेड की ये जिम्मेदारी बनती है कि वे सुनिश्चित करें कि उनके चैनल पर सिर्फ वही कंटेट चलें जिसकी पुष्टि हो चुकी है और उनकी कवरेज से आरोपी का स्वतंत्र ट्रायल का अधिकार बाधित न हो.
NBSA और केंद्र सरकार के वकील की ओर से कहा गया है कि उन्हें मीडिया संस्थानों की ओर से वॉट्सऐप चैट लीक होने की कोई शिकायत नहीं मिली है. NBSA के वकील ने कहा कि NBSA के प्रसारण की मॉनिटरिंग का अधिकार है, पर ट्वीट को लेकर ऐसे कोई अधिकार नहीं हैं. न्यूज 18 की ओर से पेश वकील ने इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए और समय मांगा है. कोर्ट ने कहा कि इस बात में कोई दो राय नहीं है कि वीडियो सनसनीखेज है.
Source : News Nation Bureau