अमेरिका के निशाने पर आने के बाद पाकिस्तान ने आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए आतंकी सरगना हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा को ब्लैकलिस्ट कर इसकी फंडिंग पर रोक लगा दी है।
वहीं सरकार इस फैसले से नाखुश हाफिज सईद ने बौखला कर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री पर मानहानि का कानूनी नोटिस भेज दिया है। हाफिज सईद ने वकील एके डोगर के हवाले से नोटिस भेजा है।
इस नोटिस में कहा गया है, 'आपको (मंत्री खुर्रम दस्तगीर) मेरे क्लाइंट (सईद) को 14 दिनों के भीतर लिखित माफी भेजनी होगी और भविष्य में सावधानी बरतने का वादा करना होगा कि आगे से आप ऐसा कुछ नहीं कहेंगे। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 500 के तहत आपराधिक मुकदमे में 2 साल तक की सजा हो सकती है।'
इससे पहले पाक रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर ने बयान दिया था कि जमात-उद-दावा, फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) और अन्य संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की गई, ताकि भविष्य में कोई भी आतंकवादी स्कूली बच्चों पर फायरिंग ना कर सकें।
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वकील डोगर ने सईद की ओर से दावा किया है कि जमात-उद-दावा का लश्कर-ए-तैयबा के साथ कोई संबंध नहीं है और उसके खिलाफ संयुक्त राष्ट्र रेजोल्यूशन गलत है।
डोगर ने आरोप लगाया कि रक्षा मंत्री खुर्रम के गैर-जिम्मेदाराना बयान जारी करने के कारण सईद और जमात-उद-दावा के सम्मान को भारी नुकसान पहुंचा है।
वहीं जमात उद दावा के प्रवक्ता याहया मुजाहिद ने कहा कि दस्तगीर वही भाषा बोल रहे हैं, जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की है। इस बात के लिए उन्होंने रक्षामंत्री की कड़ी आलोचना भी की।
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप की ओर से आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को हाल ही में फटकार लगाई गई थी। ट्रंप ने कहा कि पाकिस्तान पिछले 15 सालों से अमेरिका को मूर्ख बनाता आ रहा है।
इसके बाद पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से प्रतिबंधित किए गए संगठनों को कंपनियों और व्यक्तियों की ओर से फंडिंग करने पर रोक लगा दी थी।
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Source : News Nation Bureau