मुंबई हमले का मास्टर माइंड और आतंकी सरगना हाफिज सईद पाकिस्तान के लिये ही मुसीबत बन रहा है। उसके आतंकी संगठन जमात उद दावा ने कहा है कि वो पाक रक्षामंत्री को उसे बदनाम करने के खिलाफ कानूनी नोटिस भेजेगा।
हाल ही में हाफिज सईद के संगठन पर पाकिस्तान सरकार ने चंदा लेने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने आतंकियों को पनाह देने को लेकर पाकिस्तान को फटकारा लगाई थी और उसके बाद वहां की सरकार ने प्रतिबंध लगाया।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर के बयान पर जमात उद दावा के प्रवक्ता याह्या मुजाहिद ने कहा कि वह अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भाषा बोल रहे हैं।
हालांकि पाकिस्तान ने कहा है कि जमात उद दवा के खिलाफ कार्रवाई अमेरिका के दबाव में आकर नहीं की गई है।
प्रवक्ता मुजाहिद ने दस्तगीर के उस बयान की भी आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा था कि जेयूडी, एफआईएफ और दूसरे संगठनों के खिलाफ इसलिए फैसला किया गया था ताकि 'आतंकी भविष्य में स्कूली बच्चों पर गोली न चला सकें।'
साथ ही मुजाहिद ने कहा, 'यह अपमानजनक है... उनकी अपमानजनक टिप्पणी कि लिए हम मंत्री को कानूनी नोटिस भेज रहे हैं।'
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पाकिस्तान ने जमात उद दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के चंदे पर मंगलवार को प्रतिबंध लगा दिया। यह प्रतिबंध पाकिस्तान को ट्रंप की फटकार के बाद लगाई गई।
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ट्रंप ने पाकिस्तान पर आरोप लगाते हुए कहा कि इसने अमेरिका को 'झूठ और छल' के अलावा कुछ नहीं दिया है। ट्रंप ने साथ ही ये आरोप भी लगाए हैं कि पाकिस्तान आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह उपलब्ध करा रहा है।
इधर, मुजाहिद ने कहा, 'दुनिया जानती है कि जेयूडी और एफआईएफ पर लगे प्रतिबंध के पीछे कौन है। हमारे शासक पाकिस्तान में हो रही आतंकी गतिविधियों में भारत के शामिल होने को स्वीकार करने से खुद को रोकते रहे हैं। विदेशी ताकतों को खुश करने की कोशिश की जा रही है।'
उसने कहा, 'जो पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों को 'डॉन लीक' जैसे षडयंत्रों से नुकसान पहुंचा रहे है, वे (नवाज शरीफ) अपनी सजा भुगत रहे हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि इससे उन्होंने कोई सबक नहीं सीखा है। अब, जब अमेरिका खुली धमकी दे रहा है और भारत को पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उकसा रहा है, पाकिस्तानी शासक भारत और अमेरिका की खुशामदी में लगे हुए हैं।'
दस्तगीत ने गुरुवार को कहा था कि पाकिस्तान ने जेयूडी और एफआईएफ के खिलाफ अमेरिका के दबाव में ये कार्रवाई नहीं की है। बल्कि यह सैन्य अभियान का हिस्सा है।
पाक सरकार ने कंपनियों और लोगों को जेयूडी और एफआईएफ जैसे संगठनों को चंदा देने पर रोक लगा दी है।
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Source : News Nation Bureau