अफगानिस्तान पर तालिबान का राज स्थापित करने में पाकिस्तान का बड़ा योगदान रहा है. तालिबान का अफगानिस्तान पर राज जमाने के लिए न सिर्फ पाक ने रसद दी बल्कि उसके सैनिकों ने कब्जा जमाने में भी मदद की. इसके बाद भी पाकिस्तान नहीं रुका और तालिबान के लिए आर्थिक मदद की डिमांड वह बीते कई महीनों से कर रहा है. दुनिया के कई देशों के सामने उसने ये प्रस्ताव रखा है. पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई के अनुसार इस्लामाबाद को काबुल के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. यह बयान पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की युद्धग्रस्त राष्ट्र में चल रही राजनीतिक स्थिति के बारे में टिप्पणी के साथ पाकिस्तान की ओर से उत्पन्न खतरे के जवाब में आया है.
अफगान मीडिया के अनुसार रविवार को इस्लामाबाद में इस्लामिक सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की परिषद के 17वें सत्र को संबोधित करते हुए खान ने कहा था कि अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार में आतंकवाद से लड़ने की क्षमता नहीं है. ऐसे में यहां पर आईएस खतरा बन रहा है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान अराजकता की ओर बढ़ रहा है.
आईएस दे रहा धमकी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसे लेकर करजई ने कहा कि ये आरोप सही नहीं है. उन्होंने कहा कि आईएस शुरू से पाक और अफगानिस्तान को धमकी दे रहा है. पूर्व नेता ने एक बयान में कहा कि ये टिप्पणियां सच नहीं हैं और अफगानिस्तान के खिलाफ प्रोपेगेंडा है. शुरू से ही अफगानिस्तान को पाकिस्तान से धमकी का सामना करना पड़ रहा है.
खान ने पूर्व अफगान सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप मढ़ा है. करजई ने इसपर कहा कि पाकिस्तान सरकार को अफगानिस्तान के मामले में नहीं बोलना चाहिए. इसके साथ अंतर्राष्ट्रीय समारोहों में काबुल की ओर से बात करना बंद कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस तरह की टिप्पणी अफगानिस्तान के लोगों का अपमान है. इस्लामिक देशों की इस बैठक में इमरान खान ने तालिबान की मदद के लिए धर्म की भी दुहाई दी.
HIGHLIGHTS
- तालिबान के लिए आर्थिक मदद की डिमांड बीते कई महीनों से कर रहा है पाक
- खान ने पूर्व अफगान सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप मढ़ा है
Source : News Nation Bureau