OIC में हामिद करजई का बयान, पाकिस्तान में रहकर अफगानिस्तान को धमकाता रहा ISIS  

अफ़ग़ानिस्तान सीमा से आईएस के पाकिस्तान पर हमले करने के इमरान ख़ान के दावे पर अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने आपत्ति जताई है और इमरान ख़ान की बात को ग़लत कहा है.

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Pradeep Singh
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हामिद करजई औऱ इमरान खान( Photo Credit : News Nation)

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अफ़गानिस्तान में बदतर होते मानवीय और आर्थिक हालात पर रविवार को पाकिस्तान की संसद में इस्लामी देशों का एक बड़ा सम्मेलन हुआ.ओआईसी के कुल 57 सदस्य देशों में से 20 विदेश मंत्री इस्लामाबाद बैठक में भाग ले रहे हैं जबकि 10 उप मंत्री या राज्य मंत्री अपने-अपने देशों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. ऑर्गनाइज़ेशन फ़ॉर इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) के विदेश मंत्रियों के काउंसिल  में पाकिस्तान का मकसद पूरा नहीं हो सका. बल्कि इस सम्मेलन में पाक प्रधानमंत्री इमरान खान चारों खाने चित हो गए.

OICमें इमरान ख़ान के भाषण पर अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई भड़क उठे, वहीं रविवार 19 दिसंबर को पांच देशों के विदेश मंत्री पाकिस्तान न जाकर भारत में आयोजित अफ़ग़ानिस्तान में संकट एवं क्षेत्रीय संबंधों के मुद्दे पर बातचीत के लिए भारत पहुंचे. जिसमें मध्य एशियाई देशों किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़्बेकिस्तान के विदेश मंत्री शामिल है. हालांकि, इन देशों ने पाकिस्तान में हो रही बैठक में अपने प्रतिनिधिमंडलों को भेजा है. 

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ऑर्गनाइज़ेशन फ़ॉर इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) के इस सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने एक ओर जहां अमेरिका को नसीहत दी वहीं अपने देश के सुरक्षा के ख़तरों पर भी वो बोले. उन्होंने कहा कि, अमेरिका को चार करोड़ अफ़ग़ान जनता और तालिबान शासन को अलग करके देखना होगा.

इस दौरान इमरान ख़ान ने कहा कि आईएसआईएस पाकिस्तान को अफ़ग़ानिस्तान में रहकर डराता रहा है और अफ़ग़ानिस्तान में स्थिरता की ज़रूरत है. उन्होंने कहा, "अफ़ग़ान सीमा से हम पर, पाकिस्तान पर आईएस ने हमले किए."

अफ़ग़ानिस्तान सीमा से आईएस के पाकिस्तान पर हमले करने के इमरान ख़ान के दावे पर अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने आपत्ति जताई है और इमरान ख़ान की बात को ग़लत कहा है.

हामिद करज़ई ने इमरान ख़ान के दावों को ग़लत बताते हुए कहा है कि आईएस कहीं और से नहीं बल्कि शुरुआत से पाकिस्तान में रहकर अफ़ग़ानिस्तान को धमकाता था.

उन्होंने कहा, "ये बात सच नहीं है और अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ यह एक स्पष्ट प्रोपेगैंडा है. वास्तव में शुरुआत से अफ़ग़ानिस्तान को आईएस से ख़तरा पाकिस्तान के ज़रिए रहा है."

OIC के सम्मेलन में इमरान ख़ान ने बिना लाग लपेट के सीधा भाषण दिया. इसके लिए उन्होंने किसी फ़ाइल या काग़ज़ का भी इस्तेमाल नहीं किया.

भाषण के दौरान इमरान ख़ान ने कहा कि ''किसी भी देश को अफ़ग़ानिस्तान जैसे हालात का सामना नहीं करना पड़ा है, वहां कई सालों तक भ्रष्ट सरकारें रहीं, अफ़ग़ानिस्तान के हालात के कारण सबसे अधिक नुक़सान पाकिस्तान ने उठाया, जहां 80 हज़ार के क़रीब लोग आतंकवाद के कारण मारे गए, अगर दुनिया क़दम न उठाए तो ये इंसानों द्वारा पैदा किया गया सबसे बड़ा मानवीय संकट होगा.''

करज़ई को इमरान ख़ान के भ्रष्ट सरकार वाली बात बहुत नागवार गुज़री और उन्होंने इस पर आपत्ति जता दी. दरअसल करज़ई दो बार और एक बार अंतरिम समय के लिए अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति रह चुके हैं.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार को अफ़ग़ानिस्तान के मामलों में दख़ल देने से ख़ुद को रोकना चाहिए और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों के बीच अफ़ग़ानिस्तान की ओर से ख़ुद नहीं बोलना चाहिए.

करज़ई ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां अफ़ग़ानिस्तान के लोगों का अपमान हैं. उन्होंने कहा, "पाकिस्तान सरकार को अफ़ग़ानिस्तान के आंतरिक मामलों में दख़ल नहीं देना चाहिए और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अफ़ग़ानिस्तान की ओर से बोलने से परहेज़ करना चाहिए."

पाकिस्तान की संसद में हुए OIC के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में इमरान ख़ान ने पिछली सरकार के गिरने के बाद अफ़ग़ानिस्तान में बड़े पैमाने पर ग़रीबी फैलने पर भी अपनी बात रखी.

उन्होंने कहा, "15 अगस्त से पहले भी देश की आधी आबादी ग़रीबी रेखा से नीचे थी जो कि सालों के भ्रष्ट शासन के कारण था. 75% बजट विदेशी मदद से आता था. अब इस स्थिति में 15 अगस्त के बाद अगर विदेशी मदद बंद हो जाती है, विदेशी फंड्स पर रोक लग जाती है, बैंकिंग सिस्टम बंद कर दिया जाता है तो कोई भी देश ढह जाएगा. बीते 40 साल से अफ़ग़ानिस्तान को काफ़ी कुछ सहना पड़ा है."

अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के नए शासन को मान्यता देने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मांग रही है कि वो पहले मानवाधिकार से जुड़े मुद्दों को लागू करके दिखाए.

मानवाधिकारों के ऊपर इमरान ख़ान ने सम्मेलन में कहा कि अफ़ग़ानिस्तान के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न संस्कृतियां हैं और नए मूल्यों को लागू करने से पहले इन्हें देखना होता है.

उन्होंने कहा, "ग्रामीण संस्कृति शहर की संस्कृति से पूरी तरह अलग है. काबुल की संस्कृति ग्रामीण क्षेत्रों की संस्कृति से बिल्कुल अलग रही है. जैसा कि पेशावर की संस्कृति अफ़ग़ानिस्तान की सीमा से लगते ज़िलों से बिल्कुल अलग रही है."

इमरान ख़ान ने अपने भाषण के दौरान कई बार अमेरिका को लेकर कहा कि अफ़ग़ान तालिबान पर पाबंदियां लगाकर अफ़ग़ानिस्तान में पेचीदगी बढ़ा दी गई है. उनका कहना था कि 'इस समय इन पाबंदियों के कारण इसका असर वहां की जनता पर पड़ रहा है.'

ग़ौरतलब है कि हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि 'हम अफ़ग़ानिस्तान के प्रवक्ता नहीं हैं.'

उन्होंने कहा, "हम उम्मीद रखते हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय अफ़ग़ान तालिबान को सुनेगा और उनके साथ मिलकर काम करेगा. जबकि अफ़ग़ान तालिबान से उम्मीद है कि वो अंतरराष्ट्रीय समुदाय की शंकाओं को समझेंगे."

OIC के विदेश मंत्रियों के इस सम्मेलन में अफ़ग़ानिस्तान के तालिबान शासन के विदेश मामलों के मंत्री अमीर ख़ान मुत्तक़ी ने भी भाग लिया. इस दौरान उन्होंने 10 मिनट का अपना भाषण दिया.

उन्होंने कहा कि ''अफ़गानिस्तान में इस समय आर्थिक मुद्दे सामने हैं और अल्लाह का शुक्र है कि सरकार और शांति-व्यवस्था का कोई मामला नहीं है. हमें उम्मीद है कि आज अफ़ग़ानिस्तान के मामले पर कोई अंतिम फ़ैसला हो जाएगा.'

तालिबान शासन के विदेश मंत्री मुत्तक़ी इससे पहले नवंबर में पाकिस्तान के तीन दिवसीय दौरे पर गए थे और उन्होंने उस दौरान अमेरिका की नीतियों की कड़ी निंदा की थी.

उन्होंने कहा था, "ज़ोर ज़बर्दस्ती के तरीक़े न 20 साल पहले चल सके थे और न अब चल सकेंगे. हमने कभी भी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को नहीं कहा कि वो राष्ट्रपति ट्रंप को अपने मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाएं. आपको अफ़ग़ानिस्तान आने पर पता चलेगा कि वहां महिलाओं को कितने अधिकार मिले हुए हैं."
 

HIGHLIGHTS

  • ओआईसी के 57 सदस्य देशों में से 20 विदेश मंत्री इस्लामाबाद बैठक में भाग ले रहे हैं 
  • 10 उप मंत्री या राज्य मंत्री अपने-अपने देशों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं
  • इमरान ख़ान के भाषण पर अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई भड़क उठे

 

taliban ISIS PM Imran Khan Hamid Karzais statement in OIC
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