बजरंग बली के भक्त अमेरिका (America) के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा (Barak Obama) ने अपने स्कूली दिनों को लेकर एक बड़ा रहस्योद्घाटन किया है. नस्लीय हिंसा (Racial) और भेदभाव के खिलाफ मुखर आवाज बराक ओबामा ने एक पॉडकास्ट में खुलासा किया है कि नस्लीय टिप्पणी से क्रोधित होने पर अपने ही स्कूल के एक साथी की नाक तोड़ दी थी. उन्होंने बताया कि लॉकर रूम में किसी बात पर हुई अनबन में स्कूली साथी ने नस्लीय टिप्पणी कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने घूंसा मारकर उसकी नाक तोड़ दी. गौरतलब है कि एक साक्षात्कार में बराक ओबामा बता चुके हैं कि वह भी हनुमानजी (Hanumanji) के बहुत बड़े भक्त हैं. यही नहीं, उनकी जेब में हमेशा पवन पुत्र की छोटी सी मूर्ति रहती हैं.
अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति थे ओबामा
गौरतलब है कि बराक ओबामा अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति थे. व्हाइट हाउस में रहने के दौरान और बाहर भी नस्लवाद पर वह बोलते रहे हैं. पिछले दिनों जॉर्ज फ्लॉयड की मौत पर वह भी वह प्रमुखता से आवाज बुलंद करते रहे. यहां तक कि भूतपूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ इसने एक लहर बनाने में भी मदद की. इस कड़ी में उन्होंने एक नई बात बताई. गुरुवार को ओबामा ने बताया कि एक नस्लीय टिप्पणी के चलते एक साथी से उनका झगड़ा हो गया था. इसके पहले 2016 में यूट्यूब पर दिए एक साक्षात्कार में ओबामा ने खुद बताया था कि वह अपनी जेब में कुछ चीजों के साथ हनुमान जी की छोटी सी मूर्ति भी रखते हैं. ओबामा ने कहा था कि जब भी वे परेशान या थका हुआ महसूस करते हैं तो हनुमान जी की मूर्ति से उन्हें सकारात्मकता मिलती हैं.
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बताया इसलिए तोड़ी थी नाक
उन्होंने यह रहस्योद्घाटन हिल के पॉडकास्ट में किया, जिसमें ओबामा और लोकप्रिय गायक-गीतकार ब्रूस स्प्रिंगस्टीन शामिल हुए थे. हिल ने बताया कि बातचीत में अमेरिका के 44वें राष्ट्रपति ने कहा, 'सुनो, मैं तब स्कूल में था, मेरा एक दोस्त था. हम साथ में बास्केटबॉल खेलते थे. एक बार हमारी लड़ाई हो गई और उसने मुझे गाली दे दी.' पूर्व राष्ट्रपति ने कहा 'मुझे याद है कि मैंने उसके चहरे पर मारा था और उसकी नाक तोड़ दी थी. हम लॉकर रूम में थे. 'मैंने उसे समझाया, मैंने कहा- मुझे कभी भी इस तरह का कुछ मत कहना.' उन्होंने कहा 'मैं गरीब हो सकता हूं, मैं अज्ञानी हो सकता हूं, मैं बदसूरत हो सकता हूं. हो सकता है मैं खुद को पसंद न करूं, मैं नाखुश हो सकता हूं, लेकिन तुम जानते हो कि मैं क्या नहीं हूं? मैं तुम्हारी तरह नहीं हूं.'
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अमेरिका में नस्लवाद से चिंतित हैं बराक
हिल के मुताबिक, यह पहला मौका है जब ओबामा ने इस मामले को सार्वजनिक रूप से सामने रखा है. उन्होंने 2015 में एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि अमेरिका पूरी तरह नस्लवाद से उबरा नहीं है. ओबामा का बयान साउथ कैरोलाइन के ऐतिहासिक ब्लैक चर्च में हुई गोलीबारी की घटना के बाद आया था. इससे पहले 2015 में ओबामा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनका देश नस्लभेदी इतिहास से पूरी तरह उबर नहीं पाया है. यहां अब भी उनके लिए एन-शब्द (नीग्रो) का उपयोग किया जाता है. ओबामा ने कहा, 'नस्लभेद हमारे बीच से पूरी तरह से नहीं गया है. यह बगैर किसी शालीनता के किसी को पब्लिक में निगर (नीग्रो) कहने का एक मामला भर नहीं है. इससे यह पता नहीं चलता कि अमेरिकी समाज में नस्लभेद आज भी मौजूद है या नहीं. न ही यह प्रत्यक्ष भेदभाव का कोई मामला भर है. 200-300 साल पहले जिस बुराई की गिरफ्त में समाज था, उसे वह एक रात में पूरी तरह से नहीं मिटा सकता.'
HIGHLIGHTS
- नस्लीय टिप्पणी पर एक दोस्त की नाक तोड़ दी थी ओबामा ने
- स्कूली दिनों में लॉकर रूम में हुआ था झगड़ा, किया खुलासा
- स्वीकार कर चुके हैं वह बजरंग बली के भक्त भी हैं
Source : News Nation Bureau
'हनुमान भक्त' बराक ओबोमा ने तोड़ दी थी दोस्त की नाक, इस पर आया था गुस्सा
नस्लीय हिंसा (Racial) और भेदभाव के खिलाफ मुखर आवाज बराक ओबामा ने एक पॉडकास्ट में खुलासा किया है कि नस्लीय टिप्पणी से क्रोधित होने पर अपने ही स्कूल के एक साथी की नाक तोड़ दी थी.
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बजरंग बली के भक्त अमेरिका (America) के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा (Barak Obama) ने अपने स्कूली दिनों को लेकर एक बड़ा रहस्योद्घाटन किया है. नस्लीय हिंसा (Racial) और भेदभाव के खिलाफ मुखर आवाज बराक ओबामा ने एक पॉडकास्ट में खुलासा किया है कि नस्लीय टिप्पणी से क्रोधित होने पर अपने ही स्कूल के एक साथी की नाक तोड़ दी थी. उन्होंने बताया कि लॉकर रूम में किसी बात पर हुई अनबन में स्कूली साथी ने नस्लीय टिप्पणी कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने घूंसा मारकर उसकी नाक तोड़ दी. गौरतलब है कि एक साक्षात्कार में बराक ओबामा बता चुके हैं कि वह भी हनुमानजी (Hanumanji) के बहुत बड़े भक्त हैं. यही नहीं, उनकी जेब में हमेशा पवन पुत्र की छोटी सी मूर्ति रहती हैं.
अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति थे ओबामा
गौरतलब है कि बराक ओबामा अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति थे. व्हाइट हाउस में रहने के दौरान और बाहर भी नस्लवाद पर वह बोलते रहे हैं. पिछले दिनों जॉर्ज फ्लॉयड की मौत पर वह भी वह प्रमुखता से आवाज बुलंद करते रहे. यहां तक कि भूतपूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ इसने एक लहर बनाने में भी मदद की. इस कड़ी में उन्होंने एक नई बात बताई. गुरुवार को ओबामा ने बताया कि एक नस्लीय टिप्पणी के चलते एक साथी से उनका झगड़ा हो गया था. इसके पहले 2016 में यूट्यूब पर दिए एक साक्षात्कार में ओबामा ने खुद बताया था कि वह अपनी जेब में कुछ चीजों के साथ हनुमान जी की छोटी सी मूर्ति भी रखते हैं. ओबामा ने कहा था कि जब भी वे परेशान या थका हुआ महसूस करते हैं तो हनुमान जी की मूर्ति से उन्हें सकारात्मकता मिलती हैं.
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बताया इसलिए तोड़ी थी नाक
उन्होंने यह रहस्योद्घाटन हिल के पॉडकास्ट में किया, जिसमें ओबामा और लोकप्रिय गायक-गीतकार ब्रूस स्प्रिंगस्टीन शामिल हुए थे. हिल ने बताया कि बातचीत में अमेरिका के 44वें राष्ट्रपति ने कहा, 'सुनो, मैं तब स्कूल में था, मेरा एक दोस्त था. हम साथ में बास्केटबॉल खेलते थे. एक बार हमारी लड़ाई हो गई और उसने मुझे गाली दे दी.' पूर्व राष्ट्रपति ने कहा 'मुझे याद है कि मैंने उसके चहरे पर मारा था और उसकी नाक तोड़ दी थी. हम लॉकर रूम में थे. 'मैंने उसे समझाया, मैंने कहा- मुझे कभी भी इस तरह का कुछ मत कहना.' उन्होंने कहा 'मैं गरीब हो सकता हूं, मैं अज्ञानी हो सकता हूं, मैं बदसूरत हो सकता हूं. हो सकता है मैं खुद को पसंद न करूं, मैं नाखुश हो सकता हूं, लेकिन तुम जानते हो कि मैं क्या नहीं हूं? मैं तुम्हारी तरह नहीं हूं.'
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अमेरिका में नस्लवाद से चिंतित हैं बराक
हिल के मुताबिक, यह पहला मौका है जब ओबामा ने इस मामले को सार्वजनिक रूप से सामने रखा है. उन्होंने 2015 में एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि अमेरिका पूरी तरह नस्लवाद से उबरा नहीं है. ओबामा का बयान साउथ कैरोलाइन के ऐतिहासिक ब्लैक चर्च में हुई गोलीबारी की घटना के बाद आया था. इससे पहले 2015 में ओबामा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनका देश नस्लभेदी इतिहास से पूरी तरह उबर नहीं पाया है. यहां अब भी उनके लिए एन-शब्द (नीग्रो) का उपयोग किया जाता है. ओबामा ने कहा, 'नस्लभेद हमारे बीच से पूरी तरह से नहीं गया है. यह बगैर किसी शालीनता के किसी को पब्लिक में निगर (नीग्रो) कहने का एक मामला भर नहीं है. इससे यह पता नहीं चलता कि अमेरिकी समाज में नस्लभेद आज भी मौजूद है या नहीं. न ही यह प्रत्यक्ष भेदभाव का कोई मामला भर है. 200-300 साल पहले जिस बुराई की गिरफ्त में समाज था, उसे वह एक रात में पूरी तरह से नहीं मिटा सकता.'
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Source : News Nation Bureau