भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने ICJ में भारत के मामले को रखते हुए, सुनवाई के दूसरे दिन पाकिस्तानी वकील ख्वाजा कुरैशी द्वारा अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर अदालत का ध्यान दिलाया. कुलभूषण जाधव मामले में दूसरे दौर की सार्वजनिक सुनवाई शुरू होने पर साल्वे ने कहा कि जिस तरह की भाषा इस अदालत में गूंजी है... यह अदालत कुछ लक्ष्मण रेखाओं का निर्धारण कर सकती है. उनके भाषण की भाषा में 'बेशर्म', 'बकवास', 'लज्जाजनक' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है... भारत अंतरराष्ट्रीय अदालत में इस तरह से संबोधित किए जाने पर आपत्ति जताता है.
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उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तानी वकील की अभद्र भाषा पर कड़ा ऐतराज जताता है. जाधव भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. उन्हें बंद कमरे में सुनवाई के बाद अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी.
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बता दें कि अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (ICJ) में कुलभूषण जाधव के केस में 18 फरवरी से सुनवाई चल रही है. ICJ में सुनवाई के दौरान भारत उस समय दंग रह गया, जब पाक के काउंसलर खवार कुरैशी ने अपने पक्ष को मजबूत करने के लिए भारतीय पत्रकार करण थापर, चंदन नंदी और प्रवीण स्वामी की मीडिया में छपी रिपोर्टों को हवाला दिया. इन रिपोर्टों में कुलभूषण जाधव को रॉ का एजेंट और पाकिस्तान में जासूसी करते रहे हैं का जिक्र है. इसके अलावा पाकिस्तान की तरफ से अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया गतया
Source : PTI