पाकिस्तान (Pakistan) में 15 महीने की अवधि के दौरान सरकारी कर्ज और देनदारियों में 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इस खुलासे के बाद इमरान सरकार (Imran Khan New Pakistan) ने यह माना है कि उसने सीमा से परे जाकर कर्ज लेकर फिस्कल रिस्पांसिबिलिटी एंड डेट लिमिटेशन एक्ट का उल्लंघन किया है. बीते 15 महीने के दौरान सरकार के घरेलू कर्ज में 38 फीसदी और विदेशी कर्ज में 36 फीसदी का इजाफा हुआ है. इस बीच पाकिस्तान में बेतहाशा महंगाई की मार का अहसास संसद सदस्यों को जनता की तुलना में कुछ अधिक होता दिख रहा है. सांसदों के एक समूह ने मांग की है कि महंगाई के इस दौर में खर्चो को पूरा करने के लिए उनके वेतन में सौ से चार सौ गुना तक बढ़ोतरी की जाए.
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कुल कर्ज व देनदारियां 290 खरब 87 अरब 90 करोड़ पाकिस्तानी रुपये
पाकिस्तान में घोर वित्तीय संकट है. मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. इसमें बताया गया है कि वित्त मंत्रालय ने देश पर कर्ज के हवाले से संसद में पेश नीतिगत बयान में कहा कि 2018 की समाप्ति पर कुल कर्ज व देनदारियां 290 खरब 87 अरब 90 करोड़ पाकिस्तानी रुपये थीं. यह सितंबर 2019 तक 410 खरब 48 अरब 90 करोड़ रुपये से अधिक हो गईं. इसमें 110 खरब 60 अरब रुपये (39 फीसदी) की बढ़ोतरी हुई. मंत्रालय ने बताया कि साल 2019 की समाप्ति तक कुल कर्ज और देनदारियों में 35 फीसदी, 100 खरब 34 अरब 40 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई और यह 402 खरब 23 अरब 30 करोड़ रुपये तक पहुंच गया.
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पाकिस्तानी सांसदों ने वेतन 400 फीसदी तक बढ़ाने की मांग की
इस बीच पाकिस्तान में बेतहाशा महंगाई की मार का अहसास संसद सदस्यों को जनता की तुलना में कुछ अधिक होता दिख रहा है. सांसदों के एक समूह ने मांग की है कि महंगाई के इस दौर में खर्चो को पूरा करने के लिए उनके वेतन में सौ से चार सौ गुना तक बढ़ोतरी की जाए. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, कुछ सांसदों ने सीनेट सचिवालय में एक प्रस्ताव जमा कराया है जिसमें कहा गया है कि सीनेट के चेयरमैन व डिप्टी चेयरमैन तथा नेशनल एसेंबली के स्पीकर व डिप्टी स्पीकर की तनख्वाहों में चार सौ गुना की और सभी सांसदों के वेतन में सौ गुना की वृद्धि की जाए. इसमें यह भी मांग की गई है कि सभी सांसदों के पति या पत्नी तथा बच्चों को भी विमान यात्रा के लिए बिजनेस क्लास का टिकट मिले.
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सुप्रीम कोर्ट के जज के मूल वेतन के बराबर होगा
सांसदों का कहना है कि वे यह मांग महंगाई की ताजा लहर और रुपये की कीमत में गिरावट के कारण कर रहे हैं क्योंकि महंगाई ने सिर्फ आम आदमी को ही नहीं बल्कि सभी सांसदों को भी प्रभावित किया है. सीनेट सचिवालय ने यह प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्रालय व वित्त मंत्रालय के पास उनकी राय मालूम करने के लिए भेज दिया है. इस प्रस्ताव में कहा गया है कि संबंधित कानून में बदलाव कर सीनेट चेयरमैन व नेशनल एसेंबली स्पीकर का वेतन अभी के ढाई लाख पाकिस्तानी रुपये से बढ़ाकर आठ लाख सत्तर हजार रुपये किया जाए. यह वेतन सुप्रीम कोर्ट के जज के मूल वेतन के बराबर होगा. इसी तरह सीनेट के डिप्टी चेयरमैन और नेशनल एसेंबली के डिप्टी स्पीकर का वेतन एक लाख पचासी हजार रुपये से बढ़ाकर आठ लाख उन्तीस हजार रुपये किया जाए. सांसदों ने मांग की है कि संबंधित कानून में संशोधन कर सीनेट व नेशनल एसेंबली के सदस्यों का वेतन एक लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये किया जाए.
HIGHLIGHTS
- 2018 की समाप्ति पर कुल कर्ज व देनदारियां 290 खरब 87 अरब 90 करोड़ पाकिस्तानी रुपये.
- महंगाई की मार का अहसास संसद सदस्यों को जनता की तुलना में कुछ अधिक ही हुआ.
- खर्चो को पूरा करने के लिए वेतन में सौ से चार सौ गुना तक बढ़ोतरी की मांग.