Who is Hu Jintao : चीन में इन दिनों जिनपिंग के राष्ट्रपति बनने से ज्यादा किसी और विषय पर चर्चा हो रही है. चीन से एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होकर सुर्खियां बटोर रहा है. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक में चीन के पूर्व राष्ट्रपति "हु जिन्ताओ" को एक सभा में बेइज्जत करके बाहर निकालने का वीडियो सामने आया है. हु जिन्ताओ करीब 10 साल तक चीन के राष्ट्रपति रहे हैं. वे जिनपिंग के विरोधी माने जाते हैं. एक समय था जब वह चीन के सबसे खूंखार शासक माने जाते थे, जिनपिंग से भी ज्यादा खूंखार. अब सभी के मन में यह सवाल उठ रहा है कि हु जिन्ताओ को भरी सभा से बाहर क्यों निकाला गया ?
कौन है हु जिन्ताओ
हु जिन्ताओ का जन्म 21 दिसंबर, 1942 को चीन के Taizhou, Jiangsu में हुआ था. जब उनकी उम्र सात वर्ष थी तो उनकी माता का निधन हो गया था. उनकी मां एक टीचर थी और पिता का small tea trading का बिजनेस था. हु जिन्ताओ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ राजनेता हैं. वह 2002 से लेकर 2012 तक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव और 2003 से 2013 तक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके हैं. हु जिन्ताओ 2004 से 2012 तक केंद्रीय सैन्य आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वे 1992 से 2012 तक सीसीपी पोलित ब्यूरो स्थायी समिति के भी सदस्य रह चुके हैं. सीसीपी पोलित ब्यूरो ही चीन की वास्तविक शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था है. हु जिन्ताओ 2002 से 2012 तक चीन के सर्वोच्च नेता थे. वे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के जरिये सत्ता में काबिज हुए थे. उन्होंने तिब्बत में पार्टी और देश के प्रति असंतोष को कुचलने के लिए कठोर दमन की कार्रवाई की थी.
तिब्बती लोगों के कट्टर दुश्मन माने जाते हैं हु जिन्ताओ
हु जिन्ताओ अपनी दमनकारी नीतियों के कारण शीर्ष नेताओं की नजरों में आ गए थे. उनको तिब्बती लोगों का कट्टर दुश्मन माना जाता है. हु जिन्ताओ तिब्बती लोगों को अच्छा नहीं मानते थे. उनके अनुसार, तिब्बती लोग चीन के कभी भी सगे नहीं हो सकते हैं. उन्होंने अपने कार्यकाल में तिब्बत में चीन विरोधी गुटों के खिलाफ सेना का इस्तेमाल किया था. कोई विरोध न कर सके इसके लिए उन्होंने तिब्बत की बौद्ध मठों में सेना के अधिकारियों को बैठा दिया. हु जिन्ताओ के ही आदेश पर तिब्बत में हान समुदाय के लोगों को बसाने का काम शुरू किया गया, जिससे इलाके की डेमोग्राफी को बदला जा सके. उनका मानना था कि हान लोग पक्के देशभक्त हैं और तिब्बत में उनके आने से लोगों में देशभक्ति की भावना मजबूत होगी.
दुनिया भर में वायरल वीडियो
हु जिन्ताओ को मंच से बाहर ले जाने वाला वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो के पीछे की सच्चाई क्या है? इसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं और तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि हु जिन्ताओ बाहर जाने को बिल्कुल तैयार नहीं थे. खड़े होने के बाद हू जिन्ताओ गलती से शी जिनपिंग के नोट्स उठाने लगे. उस वक्त वो भ्रमित दिखाई दे रहे थे. फिर शी जिनपिंग ने हू जिन्ताओ का हाथ हटाकर अपने नोट्स वापस ले लिए. सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर उन्होंने अपने उत्तराधिकारी जिनपिंग से क्या कहा होगा? और उन्होंने पीएम ली केकियांग का कंधा छूकर क्या कहा होगा?
चीन का बयान आते ही जिन्ताओ का नाम सोशल मीडिया से गायब
पूरी दुनिया में वीडियो वायरल होने के बाद चीन ने आखिरकार अपनी तरफ से सफाई दी है. चीनी सरकार ने कहा कि हु जिन्ताओ की अचानक तबीयत खराब होने के कारण उन्हें सभा से बाहर भेजा गया. चीन की सोशल मीडिया से हु जिन्ताओ का नाम भी गायब हो गया है. जिन्ताओ को इस तरह से बेइज्ज करके सभा से बाहर निकालने के पीछे आखिर असल वजह क्या होगी? हालांकि, अभी तक मिली रिपोर्ट के अनुसार, जिन्ताओ को बाहर ले जाने की दो सबसे वाज़िब वजह हो सकती है, उनमें से पहली यह कि चीन की 'पावर पॉलिटिक्स' अब अपने शबाब पर पहुंच गई है और देश के पूर्व नेता को सिर्फ 'संदेश देने के लिए' मंच से हटाया गया. दूसरी वजह ये हो सकती है कि जिन्ताओ को कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या हुई हो जो की चीन के द्वारा सफाई में कहा भी गया है, लेकिन यदि उन्हें खराब स्वास्थ्य के चलते हटाया जाता, तो फिर यह सब अचानक से क्यों हुआ? और यह भी कि ऐसा कैमरे के सामने क्यों हुआ? क्या कोई इमरजेंसी थी?
Source : Smriti Sharma