हंगरी के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से बुधवार को मुद्रास्फीति दर को लेकर बयान जारी किया गया. इसमें ऊर्जा की बढ़ती लागत के चलते वार्षिक मुद्रास्फीति दर अक्टूबर महीने में 21.1 फीसदी पहुंच गई है. यह प्रतिशत वर्ष 1996 के बाद से बहुत ज्यादा है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के हवाले से कहा किऊर्जा और खाने पीने की चीजों के लिए साल दर साल सबसे ज्यादा मूल्य वृद्धि दर्ज की गई है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (केएसएच) ने बयान जारी कर कहा, भोजन हर साल 40 फीसदी से ज्यादा महंगा हो जाता है. भोजन के अलावा बिजली, गैस और अन्य ईंधन 64.4 प्रतिशत महंगा हो गया है. जबकि प्राकृतिक और निर्मित गैस की कीमतों में 121 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
हंगरी सरकार ने घरों (हाउसहोल्डर्स) को बढ़ती लागत से बचाने के लिए, फरवरी महीने मेंं चीनी, गेहूं का आटा, सूरजमुखी के बीज का तेल, सूअर का मांस, चिकन और 2.8 प्रतिशत वसा वाला दूध, और अब अंडे, आलू को मूल्य कैप द्वारा संरक्षित खाद्य उत्पादों की लिस्ट मेंं शामिल किया है.
रिपोर्ट के अनुसार, हंगरी सरकार ने एक अगस्त को ऊर्जा पर मूल्य सीमा हटा दी थी. तब से ही कंपनियों और संस्थानों को बाजार के मूल्य का भुगतान करना पड़ा है. वहीं सरकार ने कमी को दूर करने की कोशिशों में सब्सिडी वाले ईंधन के लिए कार मालिकों की पात्रता को भी प्रतिबंधित किया. वहीं स्थानीय बिजनेस पब्लिकेशन का कहना है कि देश में मुद्रास्फीति जारी है. आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति की दर में बढ़ोतरी जारी रहेगी. इसके बाद दर इस साल के अंत में या फिर साल 2023 के शुरुआती महीनों में चरम पर होने की उम्मीद है.
नेशनल बैंक ऑफ हंगरी की इस साल की वार्षिक मुद्रास्फीति दर 13.5 फीसदी से 14.5 फीसदी रहने का अनुमान है. गौरतलब है कि बीते महीने 28 अक्टूबर को देश के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन ने साल 2023 के अंत तक मुद्रास्फीति को एकल अंक तक सीमित करने की बात कही है.
Source : IANS