पाकिस्तान समर्थक अमेरिकी सांसद ने प्रतिनिधि सभा में एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें विदेश विभाग से भारत को धार्मिक स्वतंत्रता का घोर उल्लंघन करने वाला देश घोषित करने की मांग की गई है. हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के पाकिस्तान परस्त डेमोक्रेटिक सदस्य इल्हान उमर ने यह प्रस्ताव पेश किया है. इस पर सभी डेमोक्रेट प्रतिनिधियों रशीदा तलीब, जिम मैकगवर्न और जुआन वर्गास का समर्थन प्राप्त है. उमर और तलीब कांग्रेस में पहली मुस्लिम अमेरिकी महिला हैं और वे दोनों अन्य बातों के अलावा, दुनियाभर के मुसलमानों और उनके सामने आने वाली चुनौतियों और चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित रखते हैं.
इस संकल्प के तहत विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से भारत को 'विशेष चिंता का देश' नामित करने का आह्वान किया गया है. अमेरिका द्वारा अपने अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत उन देशों के लिए उपयोग किया जाने वाला वर्गीकरण जो इसे सबसे अधिक प्रबल मानते हैं. उमर ने कहा, धार्मिक और सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए भारत सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए. हाल के सालों में भारत सरकार मुसलमानों, ईसाइयों, सिखों और दलितों के खिलाफ दमनकारी नीतियों को बढ़ा रही है. यह विदेश विभाग के लिए भारत की स्थिति की वास्तविकता को स्वीकार करने और औपचारिक रूप से भारत को विशेष चिंता वाले देश के रूप में नामित करने का समय है.
उमर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के घोर आलोचक रहे हैं और कश्मीर के विशेष संवैधानिक दर्जे को रद्द करने के अपने फैसलों को पहले भी निशाना बना चुकी हैं. कांग्रेस महिला भी पाकिस्तान की कट्टर समर्थक रही है और अप्रैल में उसकी सरकार के अतिथि के रूप में देश का दौरा किया था. इसमें कुछ भी गलत नहीं है. अमेरिकी सांसदों को ऐसी प्रायोजित यात्राओं की अनुमति है. हालांकि उमर ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के विवादित क्षेत्र का दौरा करने के लिए यात्रा का उपयोग किया और वहां रहते हुए मानवाधिकारों के उल्लंघन और मोदी प्रशासन के मुस्लिम विरोधी बयानबाजी के साथ मानवाधिकारों के हनन के बारे में भी बात की. भारत ने इस यात्रा पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी.
HIGHLIGHTS
- कांग्रेस सांसद में धार्मिक असहिष्णुता का पेश किया प्रस्ताव
- साथ में पाकिस्तान समर्थित अन्य कांग्रेसी सांसद भी पक्ष में