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IMF ने भारत को लोगों को सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर दी ये बड़ी सलाह

IMF की प्रबंधन निदेशक किस्टलिना जार्जीवा ने कहा है कि क्या करने की आवश्यकता है? स्पष्ट है, सबसे कमजोर लोगों की सुरक्षा, अच्छी तरह से लक्ष्यित सहायता, छोटे और मझोले उद्योगों की रक्षा, ताकि उनकी हार न हो.

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Dhirendra Kumar
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Kristalina Georgieva IMF

Kristalina Georgieva IMF ( Photo Credit : IANS )

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अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund-IMF) की प्रबंधन निदेशक किस्टलिना जार्जीवा (Kristalina Georgieva) ने कहा है कि भारत की प्राथमिकता सबसे कमजोर लोगों की सुरक्षा करने, अच्छी तरह से लक्षित सहायता देने और छोटे तथा मझोले उद्योगो की रक्षा करने की होनी चाहिए, ताकि वे एक देश के रूप में उनकी कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में हार न हो. जार्जीवा ने आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक आम बैठक के दौरान बुधवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लोगों को बचाने और उनके स्वास्थ्य की देखभाल भारत की प्राथमिकता होनी चाहिए.

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उन्होंने कहा कि क्या करने की आवश्यकता है? स्पष्ट है, सबसे कमजोर लोगों की सुरक्षा, अच्छी तरह से लक्ष्यित सहायता, छोटे और मझोले उद्योगों की रक्षा, ताकि उनकी हार न हो. उन्होंने आगे कहा कि जब तक हमारे पास स्वास्थ्य संकट से निपटने का एक टिकाऊ रास्ता नहीं है, हमें कठिनाइयों, अनिश्चितता और असमान सुधार का सामना करना पड़ेगा. कोविड-19 को एक मानवीय संकट बताते हुए उन्होंने कहा कि खासतौर से जिन देशों में मौत अधिक हुई हैं, वहां ये संकट अधिक गहरा है। उन्होंने आगे कहा कि इस महामारी से भारत में एक लाख लोगों से अधिक की मौत हुई है. जार्जीवा ने कहा कि इसलिए लोगों को बचाने और उनकी सेहत पर ध्यान देने की प्राथमिकता होनी चाहिए. 

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उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी क्षमता के अनुरूप उपाय किए हैं, दो प्रतिशत राजकोषीय उपाय और गारंटी के रूप में चार प्रतिशत राहत, लेकिन प्रत्यक्ष राजकोषीय उपाय नहीं किए गए. उन्होंने कहा कि इससे मदद मिलती है, लेकिन जब आप विकसित अर्थव्यवस्थाओं की क्षमताओं को देखते हैं, या कुछ अन्य उभरते बाजारों के उपायों को देखते हैं, तो यह कुछ हद तक कम है. हम इस साल भारत में बेहद आश्चर्यजनक रूप से जीडीपी में दस प्रतिशत का संकुचन देख रहे हैं. जार्जीवा ने कहा कि भारत की एक जीवंत अर्थव्यवस्था थी. उन्होंने कहा कि अच्छे वक्त में देश अपनी बुनियाद को मजबूत करके बुरे वक्त का मुकाबला अधिक मजबूती से कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस संकट का सबसे महत्वपूर्ण सबक यह है कि अच्छे समय में मजबूत बुनियाद तैयार करनी है. ऐसे में जब बुरा वक्त आता है तो अधिक लचीलापन दिखाया जा सकता है.

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