कंगाल पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका लगा है. अब अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी केंद्रीय बैंक से उधार लेने के लिए भिखारी पाकिस्तान के अनुरोध खारिज कर दिया है. पाकिस्तान अपना कटोरा लेकर दर-दर की ठोकरे खा रहा है. इसके बाद भी इसपर किसी को तरस नहीं आ रहा है. पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआइ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि वाशिंगटन स्थित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान (एसबीपी) की किसी भी सार्थक जवाबदेही पर सहमत नहीं था.
यह भी पढ़ें: अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी में भारत कर बढ़ा रुतबा, पाकिस्तान को झटका
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट की मानें तो केंद्रीय बैंक का लाभ भी इमरान सरकार को 100 फीसद हस्तांतरित नहीं किया जाएगा जब तक कि एसबीपी को अपनी मौद्रिक देनदारियों को वापस करने के लिए कवर नहीं मिल जाता. इसका मतलब यह है कि पाकिस्तान को कर्ज की नहीं मिलने वाला है.
आपको बता दें कि आईएमएफ ने पाकिस्तान सरकार के एक वित्तीय वर्ष में जीडीपी के दो फीसद के बराबर कर्ज लेने की अनुमति देने के भी प्रस्ताव को ठुकरा दिया. रिपोर्ट की मानें तो केंद्रीय बैंक से उधार लेने पर प्रतिबंध ने इमरान सरकार को वाणिज्यिक बैंकों की रहमोकरम पर छोड़ दिया है.
यह भी पढ़ें: अंतरिक्ष में खुद को ही निगल जाएगा रॉकेट...ISRO दिखाने वाला है बड़ा चमत्कार!
आईएमएफ ने पाकिस्तान को इतना बड़ा झटका ऐसे वक्त में दिया है. जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है कि उनके पास पाकिस्तान को चलाने के लिए पैसे नहीं हैं. हाल ही में इमरान खान ने कहा था कि पाकिस्तान में टैक्स कल्चर कभी बन ही नहीं पाई. इसके साथ ही इमरान ने यह भी सवाल किया कि आखिरकार पाकिस्तान में टैक्स देने की संस्कृति क्यों नहीं विकसित हो रही है.