अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक ने कर्ज को लेकर बड़ा बयान दिया है. दोनों संस्थाओं ने दुनियाभर की सरकारों को कर्ज की शर्तों को लेकर अधिक से अधिक पारदर्शिता रखने को कहा है. दोनों संस्थाओं ने सरकारों को कर्ज पर निर्भरता कम रखने को कहा है. IMF और विश्व बैंक के मुताबिक बढ़ता कर्ज और खराब हालात से मुसीबत बढ़ सकती है. दोनों संस्थाओं ने चीन के विकासशील देशों पर बढ़ते प्रभाव को देखते हुए कही है. बता दें कई विकासशील देशों को चीन ने भारीभरकम कर्ज दिया हुआ है.
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गुरुवार को ग्रीष्मकालीन बैठक में विश्व बैंक के नवनियुक्त अध्यक्ष डेविड मलपास ने चेतावनी दी कि 17 अफ्रीकी देश कर्ज संकट का सामना कर रहे हैं. उनका कहना है कि कर्ज लेते समय पारदर्शिता के अभाव में कर्ज संकट का सामना करने वाले देशों की संख्या में इजाफा हो रहा है. वहीं IMF के प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा कि बढ़ता कर्ज और कर्जदाताओं की संख्या अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार नहीं है. यह भविष्य में किसी देश के कर्ज लेने की कोशिशों को मुश्किल बना सकती है. उनका कहना है कि विश्व बैंक और IMF कर्ज की प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए एक साथ काम कर रहे हैं.
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बता दें कि सेंटर फॉर ग्लोबल डिवेलपमेंट रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के आठ देश चीन से लिए गए कर्ज की वजह से बर्बाद हो सकते हैं. इन आठ देशों में तजाकिस्तान, जिबूती, मोंटेनेग्रो, किरगिस्तान, मंगोलिया, लाओस समेत मालदीव और पाकिस्तान प्रमुख हैं. हाल ही में चीन द्वारा पाकिस्तान के स्टेट बैंक (SBP) को 15 अरब युआन (करीब 2.1 अरब डॉलर) का कर्ज दिए जाने की बात भी सामने आई थी.
Source : News Nation Bureau