आंतरिक संघर्ष हो या अंतरराष्ट्रीय बदनामी हर बात के लिए भारत को कठघरे में खड़ा करने वाला पाकिस्तान का निजाम एक बार फिर मानसिक दिवालियापन का संकेत दे रहा है. इस बार खुद वजीर-ए-आजम इमरान खान (Imran Khan) ने कश्मीर के मसले पर ऐसी बात कही है, जो उनकी धूर्तता को ही आगे लाती है. उन्होंने कहा है कि जम्मू-कश्मीर का स्वायत्त दर्जा बहाल होने तक भारत से कोई भी बातचीत संभव नहीं है. यह तब है जब इस्लामिक देशों समेत संयुक्त राष्ट्र तक जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) को भारत का आंतरिक मसला बताते हुए पाकिस्तान की हर कुटिल चाल को खारिज कर चुके हैं.
डिजिटल मीडिया से बोले नियाजी खान
इस बेतुकी बात का आधार बनी इस्लामाबाद में डिजिटल मीडिया के प्रतिनिधियों के साथ इमरान खान की बातचीत. तनावपूर्ण संबंधों के बीच भारत के साथ वार्ता की संभावनाओं को लेकर पूछे गए एक सवाल पर खान ने यह प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, 'जम्मू-कश्मीर का स्वायत्त दर्जा बहाल होने तक भारत के साथ बातचीत संभव नहीं है.' उन्होंने दावा किया, 'भारत को छोड़कर हमारा किसी के साथ भी शत्रुतापूर्ण संबंध नहीं है. पाकिस्तान को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है भारत.'
जम्मू-कश्मीर पर दुष्प्रचार से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान
यह तब है जब भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट रूप से बता चुका है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म किया जाना उसका आंतरिक मामला है. भारत पहले ही पाकिस्तान को वास्तविकता स्वीकार करने और भारत विरोधी तमाम झूठे प्रपंचों से दूर रहने को कह चुका है. इसके बावजूद पाकिस्तान के हुक्मरान वैश्विक मंचों से इस मसले पर झूठ फैलाने से बाज नहीं आ रहे हैं.