एफएटीए की ग्रे-लिस्ट में होने और इस कारण सिर पर मंडराते प्रतिबंध के खतरे के बावजूद आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान का दुनिया को भरमाने का मिशन चालू है. वह न सिर्फ आतंकी संगठनों की पनाहगाह बना हुआ है, बल्कि भारत पर आतंकी हमलों के लिए उन्हें संसाधन भी मुहैया करा रहा है. पाकिस्तान के हुक्मरानों ने अपने इस नापाक एजेंडे को पूरा करने के लिए अब करतारपुर कॉरिडोर को माध्यम बनाया है. यह अलग बात है कि पाकिस्तान में बदलाव की इच्छा रखने वाले एक जागरूक धड़े ने खुद अपने ही प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा के छिपे एजेंडे की पोल खोल दी है.
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यू-ट्यूब पर खोली पोल
पाकिस्तान के हुक्मरानों और सेना के इस षड्यंत्र का खुलासा यू-ट्यूब से हुआ है. पाकिस्तान के यू-ट्यूब चैनल के कार्यक्रम 'नया पाकिस्तान' में लोगों ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर को खोलना एक सोची-समझी रणनीति है. इसका मकसद सिखों के प्रति प्रेम दिखाकर भारत विरोधी भावनाओं को भड़काना है. लोगों ने कहा कि जनरल बाजवा और पाकिस्तानी सेना ने सिखों का गर्मजोशी से स्वागत सिर्फ इसलिए किया है कि युद्ध होने पर वे भारत के विरुद्ध हमारे साथ होंगे. गौरतलब है कि भारत में मौजूद कई विशेषज्ञ मानते हैं कि पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर का इस्तेमाल खालिस्तान आतंक को बढ़ावा देने के लिए कर सकता है.
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भारतीय खुफिया एजेंसी भी कर चुके हैं सचेत
यह भी नहीं भूलना चाहिए कि पिछले दिनों भारतीय खुफिया एजेंसियों ने सचेत किया था कि पाकिस्तान में मौजूद खालिस्तानी तत्व इस गलियारे का दुरुपयोग भारत में अलगाववाद भड़काने में कर सकते हैं. एजेंसियों ने चेताया कि अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा जैसे दूसरे देशों में मौजूद खालिस्तानी एलिमेंट और सिख फॉर जस्टिस यानी एसएफजे जैसे संगठन पाकिस्तान पहुंचकर अलगाववाद को हवा दे सकते हैं. पाकिस्तान में बैठे हैंडलर एसएफजे के जरिए पंजाब के स्थानीय आतंकियों को आर्थिक और सैन्य मदद पहुंचाते हैं. भारत इस बारे में चिंता जता चुका है कि पाकिस्तान अपने यहां मौजूद गुरुद्वारों का इस्तेमाल खालिस्तानी संदेशों को फैलाने में कर रहा है.
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खालिस्तानी आतंकी कॉरिडोर प्रबंधन समिति में शामिल
ज्ञात हो कि कि एसएफजे का प्रमुख अवतार सिंह पन्नुन और गुरपतवंत सिंह पन्नुन लगातार भारत से अलग खालिस्तानी राज्य की वकालत करते रहे हैं. यही कारण है कि भारत खालिस्तान लिबरेशन फोर्स, बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान कमांडो फोर्स, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन जैसे प्रतिबंधित संगठनों को पुनर्जीवित करने के पाकिस्तान के प्रयासों से चिंतित है. दूसरी ओर पाकिस्तान का प्रमुख आतंकी हाफिज सईद का सहयोगी गोपाल सिंह चावला को करतारपुर साहिब कॉरिडोर की प्रबंधन समिति का सदस्य बनाए जाने के बाद भारत ने आपत्ति जताई थी. पाकिस्तान का यह कदम भी उसके मंसूबों की ओर इशारा करता है.
HIGHLIGHTS
- यू-ट्यूब पर नए पाकिस्तान नाम के चैनल में करतारपुर कॉरिडोर साजिश का खुलासा.
- पाकिस्तान सिख भावनाओं को भड़काने के लिए कर रहा है कॉरिडोर का उपयोग.
- भारतीय खुफिया एजेंसी भी इसको लेकर सचेत कर चुकी हैं केंद्र सरकार को.