पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के नेतृत्व वाली सरकार के चार प्रमुख गठबंधन सहयोगियों ने अभी तक उनके खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर अपना रुख तय नहीं किया है. हालांकि इनमें से एक ने समर्थन के बदले में सरकार को 'ब्लैकमेल' किया है, जिससे सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी की संसद में महत्वपूर्ण मतदान से पहले समस्या बढ़ गई है. डॉन की खबर के अनुसार केंद्र और पंजाब प्रांत में पीटीआई के एक महत्वपूर्ण सहयोगी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क्यू (PML-Q) ने प्रधानमंत्री खान से चौधरी परवेज इलाही को उस्मान बुजदार के स्थान पर पंजाब का मुख्यमंत्री घोषित करने के लिए कथित तौर पर कहा है. गृह मंत्री शेख रशीद अहमद ने शनिवार को आरोप लगाया कि पीएमएल-क्यू समर्थन के बदले सरकार को ‘ब्लैकमेल’ कर रही है.
अहमद की आलोचना करते हुए, जल संसाधन मंत्री चौधरी मूनिस इलाही ने ट्विटर पर आरोप लगाया कि गृह मंत्री ‘अपने छात्र जीवन के दौरान पार्टी के बड़े नेताओं से पैसे लेते थे.’ खबर के अनुसार, उनकी ब्लैकमेल संबंधी टिप्पणी क्वेटा में संवाददाता सम्मेलन के दौरान तब आई थी, जब पीएमएल-क्यू नेताओं ने यहां एक परामर्श बैठक के बाद पार्टी के रुख और रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए रविवार को फिर से बैठक करने का फैसला किया. पीएमएल-क्यू के सीनेटर कामिल अली आगा ने कहा, ‘हम प्रधानमंत्री के भाषण की निंदा करते हैं. हम इसे शर्मनाक मानते हैं.’ निर्णय लेने में देरी के कारण के बारे में पूछे जाने पर, आगा ने कहा कि उनकी पार्टी के नेतृत्व ने हमेशा विचार-विमर्श और चर्चा के बाद निर्णय लिया है. एक अन्य सवाल के जवाब में आगा ने उन खबरों का खंडन किया कि सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने उन्हें पंजाब के मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी को पीटीआई में विलय करने के लिए कहा था.
पीएमएल-क्यू सीनेटर ने सूचना मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि वह उन्हें इस तरह के गंभीर राजनीतिक मामलों के बारे में बात करने के लिए उपयुक्त व्यक्ति नहीं मानते हैं. आगा ने पीएमएल-क्यू पर निशाना साधने के लिए गृह मंत्री की आलोचना की और कहा कि ऐसा लगता है कि उन्हें मंत्रालय खोने का डर है. खबर के अनुसार, ऐसा लगता है कि तीन अन्य सहयोगी- मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी), बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) और ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (जीडीए) एक-दूसरे के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. एनए सचिवालय ने अध्यक्ष असद कैसर को 22 मार्च से पहले सत्र बुलाने की सलाह दी है. प्रधानमंत्री खान 2018 में सत्ता में आए थे और अगला आम चुनाव 2023 में होने वाला है. पाकिस्तान की 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में प्रधानमंत्री खान को सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्ष को 172 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता है.
खबर में कहा गया है कि नेशनल असेंबली में पार्टी की स्थिति को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि यदि चार सहयोगियों में से कोई दो सत्तारूढ़ गठबंधन छोड़ने का फैसला करते है, तो प्रधानमंत्री खान 342 सदस्यीय सदन में बहुमत खो देंगे. इससे पहले गृह मंत्री अहमद ने कहा था कि वह प्रधानमंत्री के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं, लेकिन अन्य सहयोगियों के लिए वह जिम्मेदार नहीं हैं क्योंकि पांच सदस्य वाले भी पंजाब में मुख्यमंत्री पद के लिए ब्लैकमेल कर रहे हैं. जब उनसे पूछा गया कि वह किसे ‘ब्लैकमेलर’ कह रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘मैं पंजाब की राजनीति की बात कर रहा हूं.’ उन्होंने कहा कि सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से सात दिन पहले संसद भवन की सुरक्षा के लिए रेंजर्स और फ्रंटियर कोर के जवानों को तैनात करने का फैसला किया है, ताकि कानून व्यवस्था की कोई समस्या पैदा नहीं हो. इस बीच जियो न्यूज की एक खबर के अनुसार नेशनल असेंबली (एनए) सचिवालय ने प्रधानमंत्री खान के खिलाफ विपक्षी दलों के अविश्वास प्रस्ताव को वैध घोषित किया है.
HIGHLIGHTS
- वजीर-ए-आजम इमरान पर अविश्वास मत की तलवार
- सहयोगी दलों समेत विपक्ष ने खड़ी की ढेरों चुनौतियां
- 172 सदस्य अगर साथ आए तो सत्ता खो देंगे इमरान