पाकिस्तान में विपक्षी दलों ने वाशिंगटन में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. विपक्षी दलों ने कहा है कि इमरान पाकिस्तान की जगहंसाई करा रहे हैं. इन दलों ने कहा है कि पाकिस्तानी समुदाय को संबोधित करने के दौरान 'इमरान को यह बताना चाहिए था कि उन्होंने पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष को सौंप दिया है, उन्हें पाकिस्तानियों को बताना चाहिए था कि वह कितने अक्षम हैं.'
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, विपक्षी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की नेता व सीनेटर शेरी रहमान ने कहा कि इमरान पाकिस्तान की जगहंसाई करा रहे हैं. अमेरिका में मौजूद पाकिस्तानी निश्चित ही इनके भाषण से मायूस हुए होंगे. इमरान जहां भी जाते हैं, नफरत और ध्रुवीकरण की बात करते हैं. वह पूर्व की हुकूमतों पर निशाना साधकर अपनी सत्ता बचाए रखना चाहते हैं. उन्हें बताना चाहिए था कि उनके सत्ता में आने के बाद से देश कितना कर्ज ले चुका है.
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वाशिंगटन में इमरान ने पाकिस्तानी समुदाय को संबोधन के दौरान अपने 'नए पाकिस्तान' के बारे में तो बात की लेकिन उनके भाषण में पाकिस्तान के विपक्षी दल हावी रहे. उन्होंने विपक्षी नेताओं के नाम लेकर उनकी आलोचना की और उन्हें भ्रष्टाचार के कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि अब उनके कार्यकाल में सबका हिसाब हो रहा है. जब विपक्ष से उनके कार्यकलाप का हिसाब मांगा गया तो वे सब उनकी सरकार के खिलाफ एकजुट हो गए.
इमरान के भाषण पर पीपुल्स पार्टी के प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि इमरान ने साबित कर दिया कि वह 'लीडर नहीं, शासक हैं.' उन्होंने कहा कि इमरान विपक्ष की बातें करते रहे. अगर सरकार विपक्ष की बातें करेगी तो फिर विपक्ष क्या करेगा. उन्हें अपनी नहीं, देश की बात करनी चाहिए थी.
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पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने कहा कि इमरान खान को पाकिस्तानियों को यह बताना चाहिए था कि वह अक्षम और 'सेलेक्टेड' (जनता द्वारा निर्वाचित नहीं बल्कि सत्ता प्रतिष्ठान द्वारा चयनित) हैं. उन्हें बताना चाहिए था कि आज मुल्क में रोटी, रोजगार, कारखाने और आवाज, सब बंद हैं. उन्हें बताना चाहिए था कि आज मुल्क को आईएमएफ को सौंपा जा रहा है.
मरियम ने कहा कि इमरान को बताना चाहिए था कि पाकिस्तान की विकास दर घटकर 2.9 फीसदी रह गई है और महंगाई 13 फीसदी बढ़ गई है.