पाकिस्तान सरकार ने जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने और प्रधानमंत्री इमरान खान और राज्य संस्थानों के खिलाफ 'लोगों को भड़काने' के लिए विद्रोह का मामला दर्ज करने का फैसला किया है. डॉन न्यूज के मुताबिक, सरकार की वार्ता टीम के सदस्यों के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में रक्षा मंत्री परवेज खटक ने शनिवार को कहा कि उन्होंने जनता को 'भड़काने' और जनता को खान को गिरफ्तार करने के लिए उकसाने पर रहमान के खिलाफ अदालत का रुख करने का फैसला किया है.
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सरकार विरोधी 'आजादी मार्च' की अगुवाई कर रहे रहमान ने शुक्रवार को अपने भाषण के समापन पर खान को दो दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि जनता प्रधानमंत्री को उनके निवास पर रोक सकती है और उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर सकती है.
खटक ने कहा कि इस तरह की घोषणा जनता को उकसाने और विद्रोह का काम करने के समान है. रक्षा मंत्री ने कहा कि आजादी मार्च को लेकर सरकार बिल्कुल भी चिंतित नहीं है, लेकिन विपक्षी नेताओं द्वारा 'राष्ट्रीय संस्थानों को अपमानित' करने वाले भाषण दुर्भाग्यपूर्ण हैं.
उन्होंने कहा कि देश के लिए बलिदान देने वाली संस्थाओं के खिलाफ भाषण 'देश के साथ दुश्मनी' के समान होगा. खटक ने स्पष्ट रूप से कहा कि खान किसी भी तरह से इस्तीफा नहीं देंगे.
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ड़ॉन न्यूज के मुताबिक, उन्होंने कहा कि सरकारविपक्ष की धमकियों और दबाव की रणनीति के आगे नहीं झुकेगी. मंत्री ने कहा कि सरकार विपक्षी दलों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है, लेकिन साथ ही चेतावनी दी कि इस्लामाबाद प्रशासन के साथ किए गए समझौते का उल्लंघन होने पर कानून अपना काम करेगा.
पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ सरकार को गिराने के लिए जेयूआई-एफ द्वारा आहूत 'आजादी मार्च' ने 31 अक्टूबर की रात इस्लामाबाद में प्रवेश किया.
Source : आईएएनएस