जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान सरकार को अब और समय नहीं दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी देश को दिवालियापन से बचाना चाहती है. 'द न्यूज इंटरनेशनल' की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को धरने को सीरत सम्मेलन में बदलने की बात कहकर रहमान ने कुछ और दिनों के लिए इस्लामाबाद में ही रुकने के इरादे स्पष्ट कर दिए हैं. इसके साथ ही उन्होंने सरकार को एक दिन भी और नहीं देने की बात कही है.
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उन्होंने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, "अगर इस सरकार को तीसरा बजट पेश करने की अनुमति दी जाती है तो देश दिवालिया हो जाएगा." रहमान ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने पांच साल में एक करोड़ नौकरियां देने का वादा करके देश के युवाओं को धोखा दिया है. उन्होंने कहा कि नौकरियां देने के बजाए सरकार अब 400 विभागों को खत्म करने की बात कर रही है.
जेयूआई-एफ सुप्रीमो ने कहा, "यह सरकार, जो झूठे वादों के आधार पर बनाई गई थी, को जाना होगा और अब यह काम करना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है." रहमान ने ठंड का मौसम होने के बावजूद प्रदर्शनकारियों के कार्यक्रम स्थल पर ही टिके रहने पर उनकी प्रतिबद्धता की प्रशंसा की. उन्होंने कहा, "हम केवल अपने राष्ट्रीय कर्तव्य को पूरा करने के लिए सभी कठिनाइयों को सह रहे हैं."
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इस बीच, रहमान ने कहा है कि पाकिस्तान सरकार अगर कोई बीच का रास्ता निकालना चाहती है और गतिरोध तोड़ना चाहती है तो उसे विपक्षी दलों को अपने सुझाव पेश करने चाहिए. इससे पहले मौलाना की टीम और सरकार के बीच दो दौर की वार्ता बिना किसी सफलता के खत्म हुई. रहमान पाकिस्तान में एक बड़े 'आजादी मार्च' का नेतृत्व कर रहे हैं, जोकि गुरुवार को आठवें दिन भी जारी रहा. प्रदर्शनकारी 2018 के आम चुनावों में धांधली का आरोप लगाते हुए खान के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.