पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की जीत के खिलाफ दायर याचिका के संबंध में लाहौर हाई कोर्ट ने शुक्रवार को पाकिस्तान नेशनल असेंबली के 69 सदस्यों को नाटिस जारी किया। दाखिल याचिका में कहा गया कि 17 अगस्त को नेशनल असेंबली में पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) की जीत अवैध थी क्योंकि वोटिंग के दौरान 69 सदस्यों ने अपना वोट नहीं डाला था। पीटीआई चीफ इमरान खान ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के शहबाज शरीफ को हराकर प्रधानमंत्री बने थे। हालांकि नेशनल असेंबली में हुई वोटिंग में पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) और जमात-ए-इस्लामी (जेआई) के सदस्यों ने किसी भी उम्मीदवार के पक्ष में वोट नहीं किया था।
याचिका में लाहौर हाई कोर्ट के जज शाहिद वहीद को कहा गया कि पाकिस्तान के संविधान के सेक्शन 91 (4) के तहत प्रधानमंत्री उम्मीदवार के लिए वोट देना अनिवार्य है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक याचिकाकर्ता ने कहा, 'इन पार्टियों के सदस्यों को वोटिंग से अलग रखा गया और इस तरह संघ सरकार के गठन में भागीदारी प्रक्रिया में असफल रहे। चुने गए प्रतिनिधियों को वोट डालने से अलग नहीं किया जा सकता है। वोट डालन के अधिकार उनका संवैधानिक कर्तव्य है।'
याचिकाकर्ता ने पीपीपी और जेआई के नामों को प्रतिवादी के रूप में रखकर कोर्ट से कहा कि वे सदन के प्रमुख पद और स्टेट के मुख्य कार्यकारी के लिए सभी सदस्यों को वोट करने के उनके संवैधानिक कर्तव्यों के लिए कहें।
इसके अलावा याचिकाकर्ता ने कहा कि आम चुनाव में इमरान खान की जीत को कोर्ट असंवैधानिक घोषित करे क्योंकि बड़ी संख्या में नेशनल असेंबली के सदस्यों को वोट नहीं करने दिया गया था।
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इमरान खान को संसद के 342 सदस्यों वाले निम्न सदन में सरकार बनाने के लिए 172 वोटों की जरूरत थी। खान को कुल 176 वोट हासिल हुए थे, वहीं शहबाज शरीफ को 96 सांसदों का समर्थन हासिल हुआ था। इमरान खान ने 18 अगस्त को पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लिया था।
इमरान को चुनाव आचार संहिता के लिए भी माफीनामा दायर करने को कहा गया था
इससे पहले पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP) ने इमरान खान से चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन मामले में लिखित माफी की मांग की थी। चुनाव आयोग ने इमरान खान को 25 जुलाई को हुए चुनाव में एनए-53 इस्लामाबाद सीट पर सार्वजनिक रूप से वोट करने के कारण माफीनाम हस्ताक्षर कर देने को कहा था।
1992 में पाकिस्तान के क्रिकेट विश्व कप विजेता टीम के कप्तान रहे इमरान खान ने 1996 में अपनी पार्टी पीटीआई का गठन किया था और 1997 में पहला आम चुनाव लड़ा था।
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इमरान खान की पार्टी ने पाकिस्तान में धीरे-धीरे अपनी जमीन तैयार की और 2013 के आम चुनावों में बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को पीछे कर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी।
Source : News Nation Bureau