जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से तिलमिलाए पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान ऐसा कोई भी अवसर नहीं छोड़ रहे हैं, जो उन्हें भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने का एक भी मौका उपलब्ध कराता हो. अब ब्रिटेन के अखबार 'द टाइम्स' में छपे एक लेख की आड़ में उन्होंने मोदी सरकार समेत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर फिर से निशाना साधा है. इसके साथ ही उन्होंने भारत के मुसलमानों समेत अन्य अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों की चिंता जताते हुए मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे 'नरसंहार' को भारत के खिलाफ दुष्प्रचार का हथियार बनाया है.
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द टाइम्स के लेख को बनाया ढाल
'द टाइम्स' अखबार ने अपने 10 जनवरी के संस्करण में नागरिकता कानून पर चल रहे हिंसक प्रदर्शनों पर 'इंडिया इज ए हिंदू स्टेट नॉऊ- वी आर सेकंड क्लास सिटीजंस' शीर्षक से एक लेख प्रकाशित किया है. सौरभ शर्मा और ह्यू टॉमिलसन द्वारा लिखे गए लेख में कहा गया है कि मोदी सरकार के विवादास्पद नागरिकता कानून के खिलाफ भारतीय मुसलमान अपनी आवाज बुलंद कर रहा है. इस आवाज को दबाने के लिए 'निर्दयी और क्रूर पुलिस' दमनकारी रुख अपना रही है. इसके साथ ही इस पूरे लेख में तस्वीर का सिर्फ एक पहलू दर्शाते हुए वही बातें लिखी गई हैं, जो आंदोलनकारियों को 'निरीह' और शासन-प्रशासन को 'दमनकारी' साबित करती हों.
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आरएसएस को बताया कट्टर संगठन
इस लेख को ढाल बनाते हुए इमरान खान ने फिर ट्वीट कर जहर उगला है. इस ट्वीट में वह लिखते हैं, 'एक अरब से अधिक आबादी वाले एक परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र को अतिवादी विचारधारा के आरएसएस ने बंधक बना रखा है. यह एक ऐसी विचारधारा है, जो नस्लीय श्रेष्ठीबोध और मुसलमानों समेत अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत से भरी हुई है. जब-जब यह जिन्न बोतल से बाहर आया है, सिर्फ और सिर्फ खून-खराबा ही किया है.' जाहिर है इमरान खान ने अपनी गली की गंदगी को नकारते हुए भारत के अंदरूनी मामलों में फिर से टांग अड़ाई है.
HIGHLIGHTS
- ब्रिटेन के अखबार 'द टाइम्स' में छपे एक लेख की आड़ में फिर साधा निशाना.
- आरएसएस कट्टर विचारधारा का संगठन, जो नस्लीय श्रेष्ठीबोध से ग्रस्त.
- नागरिकता कानून से भारतीय मुसलमानों समेत अल्पसंख्यकों में डर.
Source : News State