पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को सार्वजनिक तौर पर भारत की विदेश नीति की तारीफ करते हुए कहा कि हमारे पड़ोसी की विदेश नीति उसके लोगों के लिए है. उन्होंने कहा कि भारत क्वाड का सदस्य है लेकिन प्रतिबंधों के बावजूद वह रूस से तेल भी खरीद रहा है. खैबर पख्तूनख्वा के मलकंद जिले की दरगई तहसील में एक रैली को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि वे अपनी पार्टी के बागी सांसदों को माफ करने और पार्टी में वापस बुलाने के लिए तैयार है.
पाकिस्तानी आवाम को संबोधित करते हुए इमरान खान ने यूरोपीय संघ पर हमला बोला. उन्होंने अपने राजदूतों पर राजनयिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने का आरोप लगाया और कहा कि वे जो बात पाकिस्तान से कहते हैं, वही बात भारत को कहने से डरते हैं, जैसे यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा. इस जनसभा में चौंकाने वाली बात यह थी कि इमरान खान ने खुले मंच से भारत की तारीफों के पुल बांधे.
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इमरान खान ने कहा, 'मैं आज भारत को सलाम करता हूं. इन्होंने हमेशा एक आजाद विदेश नीति का पालन किया है. आज भारत का अमेरिका के साथ क्वाड में गठबंधन है और रूस से तेल भी खरीद रहा है जबकि प्रतिबंध लगे हुए हैं क्योंकि भारत की नीति अपने लोगों के लिए है.' इमरान खान ने इस जनसभा में पीटीआई के बागी सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि पूरा देश यह समझेगा कि सांसदों ने चोरों के पक्ष में मतदान करके अपना विवेक बेच दिया है.
उन्होंने कहा, 'आप सार्वजनिक समारोहों में शामिल नहीं हो पाएंगे और कोई भी आपके बच्चों से शादी नहीं करेगा जब वे बड़े होंगे.' खान ने कहा कि हम सभी गलतियां करते हैं. अल्लाह भी अपने दासों को माफ कर देता है. मैं आप सभी के लिए पितातुल्य हूं. लेकिन अल्लाह के लिए इतनी बड़ी गलती मत करो. अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचो. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लोगों के लिए अब फैसला लेने का समय आ गया है. दरगई के युवा उस पार्टी का समर्थन करेंगे जिसने पाकिस्तान के लिए काम किया है.
पाकिस्तान का विपक्ष एकजुट है, साथ ही इमरान के पार्टी के कई सांसद भी उनके खिलाफ हैं और इन सबके बीच नेशनल असेंबली में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आएगा. इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जाता है तो वोटिंग होगी. अभी जो सांसदों का गणित है उसमें इमरान सरकार अल्पमत में दिख रही है. पाक के 75 साल के इतिहास में पाकिस्तान का एक भी प्रधानमंत्री अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है. इमरान खान के पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पनामा केस में दोषी करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्य घोषित कर दिया था और इसके बाद नवाज शरीफ को इस्तीफा देना पड़ा था.