घरेलू मोर्चे पर लगातार दबाव झेल रहे पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान (Imran Khan) अब बौखलाहट में बड़बोलेपन की सारी सीमाएं तोड़ने लगे हैं. एक टीवी को दिए साक्षात्कार में उन्होंने पाकिस्तान सेना (Pakistan Army) को लेकर ऐसा बयान दे डाला है, जिसके बाद सेना में उनको लेकर रोष का स्तर बढ़ना लाजिमी है. उन्होंने उस इंटरव्यू में स्पष्ट कहा कि अगर कोई सेना प्रमुख उनसे बिना पूछे कारगिल (Kargil) पर हमला करता तो वे बगैर देरी न सिर्फ उससे इस्तीफ़ा ले लेते, बल्कि उस पर कार्रवाई भी करते. यही नहीं अपने इतिहास को भूलते हुए कहा कि अगर कोई सेना प्रमुख उन पर प्रधानमंत्री पद से हटने के लिए दबाव डालता, तो उसे भी इस्तीफ़ा देना पड़ता.
नवाज शरीफ के जरिये भारत कर पाकिस्तान सेना को कमजोर
घरेलू मोर्चे पर कोरोना समेत भ्रष्टाचार के आरोप झेल रहे इमरान खान ने आरोप लगाया है कि भारत पाकिस्तानी सेना को कमजोर करने के लिए नवाज शरीफ की मदद कर रहा है. इमरान ने कहा कि नवाज शरीफ सेना पर राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप लगाकर एक खतरनाक खेल खेल रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान के इतिहास में इस समय सेना और सरकार के बीच सबसे अच्छे संबंध हैं. इमरान का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब उन्होंने राजनीति में हस्तक्षेप और भ्रष्टाचार को लेकर सेना के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.
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लोकतांत्रिक तरीके से चुना गया पीएम हूं
बता दें कि नवाज शरीफ ने एक बयान में कहा है कि लेफ्टिनेंट जनरल जहीर-उल-इस्लाम ने 2014 में उनसे प्रधानमंत्री पद से हटने के लिए कहा था. इमरान खान ने इंटरव्यू में कहा, ऐसा होने पर मैं सेना प्रमुख का इस्तीफा ले लेता. इमरान खान ने कहा मैं लोकतांत्रिक तरीके से चुना गया प्रधानमंत्री हूं. मुझसे ऐसा कहने की हिम्मत किसमें हो सकती है. इमरान खान ने कहा कि जब पूर्व सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ श्रीलंका का दौरा कर रहे थे तो नवाज शरीफ ने खुद ही उन्हें हटाने की कोशिश की थी.
नवाज सेना पर हमला कर अंजाम दे रहे बड़ी गलती
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि नवाज शरीफ सेना पर हमले करके बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं. वह कायर हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि उन्हें भारत का समर्थन हासिल है. उन्होंने कहा कि सरकार ने नवाज शरीफ को मानवीय आधार पर जाने के लिए अनुमति दी थी, लेकिन अब वह राजनीति कर रहे हैं. हमें पता चला है कि वह कई लोगों से मिल रहे हैं और देश के खिलाफ साजिश कर रहे हैं. इमरान ने दावा किया कि वह देश के इतिहास में पहले ऐसे नेता हैं जो सेना की नर्सरी में पले-बढ़े नहीं हैं जैसे नवाज शरीफ या जुल्फिकार अली भुट्टो थे.
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किसी एक की गलती पर सेना को खराब कहना सही नहीं
अपनी सरकार के सेना के साथ संबंधों पर बात करते हुए इमरान ने कहा, पाकिस्तान में हमेशा से सरकार और सेना के बीच कोई ना कोई समस्या रही है. हालांकि इमरान ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि कि अगर अतीत में किसी सेना प्रमुख ने कोई गलती की है तो क्या संस्था को भी हमेशा के लिए खराब मान लिया जाएगा. क्या जस्टिस मुनीर ने गलत फैसला लिया तो क्या हमेशा के लिए न्यायपालिका को ही दोषपूर्ण करार दे दिया जाएगा. इमरान ने ये भी कहा कि अगर कुछ राजनेता पैसा चोरी करते हैं और विदेशों में जमा करते हैं तो सभी राजनेताओं को भी बुरा नहीं कहा जाना चाहिए.
सरकार-सेना के संबंध सबसे अच्छे दौर में
इमरान खान ने आगे कहा, बात बस इतनी सी है कि अतीत सीखने के लिए होता है. हमने ये सीखा है कि सेना का काम देश चलाना नहीं है. अगर लोकतंत्र देश को नुकसान पहुंचा रहा है तो इसका मतलब ये नहीं है कि इसे सैन्य शासन में तब्दील कर दिया जाए. देश की सेना पिछले कई सालों में काफी आगे बढ़ चुकी है. इमरान ने दावा किया, मौजूदा समय में सरकार और सेना के संबंध इतिहास के सबसे अच्छे दौर में हैं. इसकी वजह ये है कि पाकिस्तानी सेना लोकतांत्रिक सरकार के समर्थन में पूरी तरह से खड़ी है.
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नवाज कभी नहीं रहे लोकतांत्रिक
इमरान ने कहा कि नवाज शरीफ कभी लोकतांत्रिक थे ही नहीं. नवाज शरीफ को पहले जनरल जिलानी ने आगे बढ़ाया और उसके बाद जनरल जिया ने. इमरान ने कहा, वैश्विक स्तर की पाकिस्तानी एजेंसियों ने हमेशा नवाज पर अविश्वास जताया. नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल (एन) ने सिविलियन इंस्टिट्यूशन्स को नियंत्रित किया. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर हमला किया, सेना के साथ उनकी दिक्कत ये थी कि वो उनके नियंत्रण में नहीं थी. विपक्षी दल संस्थाओं पर एनआरओ लाने के लिए दबाव डाल रहे थे.
सत्ता छोड़ूंगा, एनआरओ नहीं दूंगा
इमरान खान ने कहा, मुझमें और जनरल मुशर्रफ में अंतर क्या है? जनरल मुशर्रफ ने अपनी सत्ता बचाए रखने के लिए एनआरओ दे दिया. अगर आज की तारीख में कोई मुझसे पूछे कि मैं अपनी कुर्सी छोड़ना चाहता हूं या एनआरओ देने के लिए तैयार हूं तो मैं कहूंगा कि मैं सत्ता छोड़ने के लिए तैयार हूं लेकिन मैं उन्हें एनआरओ नहीं दूंगा. इमरान खान ने कहा, अगर आप ऐसे चोरों के दबाव में आ जाते हैं और समझौते कर लेते हैं तो देश बर्बाद हो जाता है. उन्होंने साफ़ कहा कि मैं विपक्षी दलों की मांग पर इस्तीफा नहीं दूंगा क्योंकि वह 17 मिलियन लोगों की ओर से चुने गए हैं. उन्होंने कहा, मैंने पांचों नेशनल एसेंबली सीट के चुनाव जीते हैं तो मैं ऐसे चोरों की डिमांड पर इस्तीफा क्यों दूंगा.
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सरकार सेना पर करप्शन की जांच के लिए तैयार
समा टीवी के ऐंकर मलिक से इमरान खान ने कहा कि अगर विपक्ष के सदस्य इस्तीफा देते हैं तो उनकी सरकार खाली सीटों पर चुनाव करवाएगी. हालांकि, इमरान खान ने कहा विपक्ष के पास शांतिपूर्ण तरीके से विरोध-प्रदर्शन करने का अधिकार है. लेकिन अगर वे कानून तोड़ते हैं तो वे एक-एक को जेल भेज देंगे. पिछले कुछ दिनों से रिटायर्ड जनरल और इमरान खान के स्पेशल असिस्टेंट असीम बाजवा की संपत्ति को लेकर भी विवाद छिड़ा हुआ है. इमरान खान ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा, बाजवा के खिलाफ आरोप लगाए गए थे और उसने विस्तृत डॉक्युमेंट्स के साथ जवाब दिए. अगर कोई इसे लेकर सवाल खड़े करता है तो हम इसकी जांच कराएंगे.