वजीर-ए-आजम इमरान खान (Imran Khan) ने डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी की मदद से विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया. इसके तुरंत बाद ही इमरान खान ने नेशनल असेंबली (National Assembly) को भंग करने की अनुशंसा राष्ट्रपति को कर पाकिस्तान को संवैधानिक संकट में ढकेल दिया है. विपक्ष ने भी अपना स्पीकर नियुक्त कर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की शरण ले ली है. इसके साथ ही पक्ष-विपक्ष खेमे के संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के इस्तीफों औऱ नई नियुक्तियों का दौर शुरू हो गया है. इसके बीच इमरान खान ने फिर दोहराया है कि वह भारत के खिलाफ नहीं है. इसके पहले भी इमरान खान भारत (India) की विदेश नीति की तारीफ में कसीदे पढ़ चुके हैं. सिर्फ वह ही नहीं, पाक सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा (Qamar Javed Bajwa) भी भारत के साथ बातचीत के जरिये कश्मीर समेत सभी विवादास्पद मसले सुलधाने की बात कह चुके हैं.
मैं सभी से दोस्ती चाहता हूं
पाकिस्तान के उथल-पुथल भरे माहौल के बीच पीएम इमरान खान ने फिर दावा किया है कि वह भारत या अमेरिका विरोधी नहीं हैं. ‘डॉन’ ने इमरान खान के हवाले से कहा, ‘मैं किसी भी देश के खिलाफ नहीं हूं. मैं भारत या अमेरिका विरोधी भी नहीं हूं. यह जरूर है कि हम नीतियों के खिलाफ हो सकते हैं. मैं उनसे दोस्ती चाहता हूं और इस प्रक्रिया में परस्पर सम्मान की भावना होनी चाहिए.’ इसके साथ ही उन्होंने बेबाक अंदाज में कहा कि वह उन देशों के खिलाफ हैं जो अन्य संप्रभु देशों का अनादर करते हैं और केवल आदेश जारी करते हैं. उन्होंने कहा कि सिर्फ कर्ज में डूबे रहने के कारण एक राष्ट्र को कभी भी किसी देश का गुलाम नहीं बनना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘ऐसे में, मौत गुलामी से बेहतर है.’
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सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई
गौरतलब है कि बेहद नाटकीय घटनाक्रम में संविधान के अनुच्छेद 5 के आधार पर नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने रविवार को इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. इसके बाद पीएम इमरान की सिफारिश पर ही राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने निचले सदन को भंग कर दिया था. इसके बाद विपक्ष ने नेशनल असेंबली में अपना स्पीकर नियुक्त कर सुप्रीम कोर्ट की शरण ले ली थी. यह अलग बात है कि सर्वोच्च न्यायालय ने इस पूरे मसले की सुनवाई एक दिन के लिए टाल दी और मंगलवार को इस पर फिर सुनवाई होगी. न्यायालय ने इस हाई प्रोफाइल मामले में ‘उचित आदेश’ देने की बात कही है.
HIGHLIGHTS
- नियाजी खान इसके पहले भारत की विदेश नीति के पढ़ चुके हैं कसीदे
- इस बार भी उन्होंने कहा कि पाकिस्तान नीतियों का विरोधी हो सकता है
- इस वक्तव्य के साथ नियाजी खान ने हमदर्दी पाने की फिर कोशिश की