पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान ने पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति को सेनाध्यक्ष की नियुक्ति से जोड़ा और इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया कि देश में सब कुछ एक नियुक्ति के लिए हो रहा है. जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स से बातचीत में पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि सेना प्रमुख की नियुक्ति योग्यता के आधार पर की जानी चाहिए. पीटीआई प्रमुख ने कहा सेना प्रमुख की नियुक्ति पर एक नाटक शुरू हो जाता है, जो दुनिया के किसी भी हिस्से में नहीं होता है. यह कहते हुए कि 1971 में अगर सेना देश को एकजुट कर सकती, तो पाकिस्तान कभी विभाजित नहीं होता, खान ने कहा कि सेना अकेले एक देश को एकजुट नहीं कर सकती है. उन्होंने अपने विरोधियों पर कटाक्ष करते हुए आगे कहा कि ऐसे लोग मौजूदा माफिया सरकार को स्वीकार करने के लिए पीटीआई पर दबाव नहीं बना सकते.
गठबंधन सरकार से बातचीत को खारिज करते हुए खान ने कहा कि वह भ्रष्ट लोगों से बात नहीं करेंगे. जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने आगे कहा, भ्रष्ट लोगों के साथ बैठकर बात करना उनके भ्रष्टाचार को स्वीकार करना है. उन्होंने दावा किया कि अभी पीटीआई देश की एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी है. खान ने कहा कि वह ऐसा कोई निर्णय नहीं लेंगे जो देश के हित में न हो. यह दोहराते हुए कि पारदर्शी चुनाव ही स्थिति को स्थिर करने का एकमात्र तरीका है, पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि वह आगामी चुनावों के लिए खुद टिकट देंगे.
खान ने कहा, हमने पंजाब सरकार को वापस ले लिया, ताकि हम हमजा शाहबाज को मुख्यमंत्री पद से हटा सकें. पीटीआई अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि पार्टी और सेना को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की साजिश रची जा रही है. पूर्व पीएम खान ने चेतावनी दी गई है कि किसी भी संघर्ष की स्थिति में देश में रक्तपात होगा. इसके पहले इमरान खान ने भारत की विदेश कूटनीति की जमकर प्रशंसा करे हुए शहबाज शरीफ सरकार को कठघरे में खड़ा किया था.
HIGHLIGHTS
- इमरान खान सत्ता से बाहर होने के बाद सेना को ले रहे निशाने पर
- मौजूदा हालात के लिए पाक सेनाध्यक्ष की नियुक्ति पर कसा तंज