इस्लामिक देशों के संगठन इस्लामिक सहयोग सगंठन (Oraganisation Of Islamic Cooperation) के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि भारत ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया क्योंकि उसे हमारी तरफ से किसी तरह का दबाव महसूस नहीं हुआ. पाकिस्तानी पीएम ने जम्मू-कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों की बात करते हुए कहा कि हमने कश्मीर के लोगों को निराश किया है. इमरान खान के साथ-साथ सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैजल बिन फरहान ने भी सम्मेलन में कश्मीर का जिक्र किया है.
इमरान खान ने कश्मीर और फिलिस्तिन का जिक्र करते हुए कहा, 'हमने फिलिस्तीनियों और कश्मीर के लोगों, दोनों को निराश किया है. मुझे ये कहते हुए दुख हो रहा है कि हम उनके लिए कुछ नहीं कर पाए हैं.
इमरान खान ने कहा कि ओआईसी को पश्चिमी देश गंभीरता से नहीं लेते क्योंकि मुस्लिम देश आपस में ही बंटे हुए हैं और इस बात को पश्चिमी देश अच्छे से जानते हैं.
इमरान खान ने कहा, 'हम मुसलमान 1.5 अरब लोग हैं और फिर भी इस घोर अन्याय को रोकने के लिए हमारी आवाज काफी नहीं है. हम किसी देश पर कब्जा करने की बात नहीं कर रहे...हम बस कश्मीर के लोगों और उनके मानवाधिकारों की बात कर रहे हैं.'
पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि अतंरराष्ट्रीय कानून फिलिस्तिनी और कश्मीरियों के पक्ष में है. उन्होंने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद उनके अधिकारों की बात करता है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कश्मीर के लोगों से वादा भी किया कि उन्हें जनमत संग्रह के जरिए अपना भविष्य निर्धारण का अधिकार दिया जाएगा लेकिन वो अधिकार कश्मीरियों को कभी नहीं दिया गया. बल्कि कश्मीरियों से विशेष राज्य का उनका दर्जा भी गैर-कानूनी तरीके से छीन लिया गया.'
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सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैजल बिन फरहान ने ओआईसी देशों को संबोधित करते हुए अफगानिस्तान, फिलिस्तिन और कश्मीर का जिक्र किया. उन्होंने कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा कि इस मसले को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, 'हम जम्मू-कश्मीर के लोगों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करते हैं. हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय की तरफ से जम्मू-कश्मीर मसले के न्यायपूर्ण समाधान के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हैं.'
इमरान खान ने कहा, 'मैं ये नहीं कह रहा हूं कि मुस्लिम देशों को अपनी विदेश नीति ही बदल देनी चाहिए लेकिन जब तक हम मुस्लिमों के उत्पीड़न के खिलाफ एकजुट नहीं होंगे, तब तक ये सब होता रहेगा. फिलीस्तीन में दिन दहाड़े सब कुछ किया जा रहा है, सोशल मीडिया फिलीस्तीन में इजरायल के अपराधों को सामने लाता रहता है. भारत भी कश्मीर में बाहरियों को बसाकर वहां की डेमोग्राफी बदल रहा है. ये एक युद्ध अपराध है लेकिन किसी ने भारत पर कोई सेंसर नहीं लगाया.'