पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि जब वह पीएम पद पर थे तो उन्होंने कभी पूर्व सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा को बॉस नहीं कहा. अपने जमान पार्क स्थित लाहौर स्थित यूट्यूबर्स से बात करते हुए उन्होंने कहा, मैंने जनरल कमर जावेद बाजवा को कभी बॉस नहीं कहा, जब मैं उस समय प्रधानमंत्री था. द न्यूज ने बताया, उन्होंने दावा किया कि वह कभी भी लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को सेना प्रमुख के रूप में नियुक्त नहीं करना चाहते थे.
उन्होंने खेद जताते हुए कहा, उनके खिलाफ दुष्प्रचार शुरू किया गया. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष ने दावा किया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बेटे सुलेमान शहबाज की घर वापसी राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश (एनआरओ) दो का हिस्सा थी. लंदन में चार साल से अधिक का निर्वासन समाप्त करने के बाद सुलेमान पाकिस्तान लौटने के लिए तैयार हैं.
खान ने कहा कि कोई समाज तब तक समृद्ध नहीं हो सकता जब तक कि उसे न्याय के सिद्धांत के तहत नहीं चलाया जाता. पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि धार्मिक अतिवाद की घटनाओं को रोकने का सबसे अच्छा तरीका लोगों को धर्म के बारे में सच्ची जानकारी देना है. उन्होंने कहा कि उन्हें पंजाब के मुख्यमंत्री परवेज इलाही पर पूरा भरोसा है और उन्होंने कहा कि जैसा मैं कहता हूं वह वैसा ही करेंगे.
उन्होंने माना कि सत्ता में रहने के बावजूद वे माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रहे थे द न्यूज ने बताया, ऑडियो लीक के बारे में खान ने कहा कि वे क्लिप एक योजना के तहत लीक किए गए थे. खान ने एक सवाल के जवाब में कहा, राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) पहले प्रतिष्ठान के अधीनस्थ रहा है और केवल कमजोरों पर हाथ रखता रहा है.
उन्होंने कहा कि जब उनकी पार्टी सत्ता में आई, तो देश कई माफियाओं की गिरफ्त में था, लेकिन पीटीआई सरकार उन पर नकेल नहीं कस सकी, दो परिवारों ने राज्य के संस्थानों को तोड़ दिया. उन्होंने कहा, संस्थान मार्शल लॉ के अभ्यस्त हो गए हैं.
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Source : IANS