पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने दावा किया है कि उन्होंने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान के सेना प्रमुख की नियुक्ति के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. इसके बजाय उन्हें लोकतंत्र के चार्टर और अर्थव्यवस्था के चार्टर पर बातचीत की पेशकश की. इसकी जानकारी स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट से सामने आई है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, व्लॉगर्स से बात करते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा कि, पीटीआई अध्यक्ष ने दो मुद्दों को हल करने के लिए एक पारस्परिक व्यवसायी मित्र के माध्यम से एक महीने पहले सरकार के साथ बातचीत की पेशकश की, जिनमें से एक सेना प्रमुख की नियुक्ति थी.
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प्रधान मंत्री शहबाज ने व्लॉगर्स को बताया, इमरान खान ने बातचीत की पेशकश की. उन्होंने कहा, पहला मामला सेना प्रमुख की नियुक्ति का था और दूसरा समय से पहले चुनाव कराने का था. प्रधान मंत्री शहबाज ने कहा कि, उन्होंने एक संदेश भेजा था कि सेना प्रमुख की नियुक्ति एक संवैधानिक कर्तव्य था जिसे प्रधान मंत्री को निभाना होगा. मैंने इमरान खान को लोकतंत्र के चार्टर और अर्थव्यवस्था के चार्टर पर चर्चा करने की पेशकश की है. उन्होंने यह भी कहा कि, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के महानिदेशक ने इस सप्ताह की शुरूआत में उनकी अनुमति से इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
उन्होंने समझाया कि, उन्हें बताया गया था कि आईएसआई प्रमुख प्रेस कॉन्फ्रेंस करना चाहते थे क्योंकि वह (आईएसआई डीजी) इमरान खान और सेना प्रमुख के बीच बैठक के चश्मदीद गवाह थे. उन्होंने कहा कि आईएसआई प्रमुख ने पूरे मामले को लोगों के सामने रखा. प्रधानमंत्री ने कहा, इमरान खान फिलहाल केवल अपनी निजी इच्छाओं को पूरा करने के लिए सेना नेतृत्व को निशाना बना रहे हैं. उन्होंने कहा, इमरान नियाजी अब उन लोगों के खिलाफ जहर उगल रहे हैं जिन्होंने उनका पालन-पोषण किया. उनकी शरारतों से कोई भी सुरक्षित नहीं है.
Source : IANS