1947 में बलूचिस्तान को जबरन पाक का हिस्सा बनाया गया, सच कहने पर जुल्म

शिकायत में मस्तीखान के हवाले से कहा गया है कि 1947 में बलूचिस्तान को जबरन पाकिस्तान का हिस्सा बनाया गया था और राष्ट्र प्रांत के लोगों को 'गुलाम' मानता है.

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Nihar Saxena
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Balochistan

ग्वादर में महीने भर से चल रहा विरोध-प्रदर्शन.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में चल रहे विरोध-प्रदर्शन के दौरान सरकारी संस्थानों के खिलाफ बयान देने के आरोप में ग्वादर में पुलिस ने 77 वर्षीय अवामी वर्कर्स पार्टी (एडब्ल्यूपी) के कार्यकर्ता यूसुफ मस्तीखान को गिरफ्तार किया है, जो कि एक कैंसर रोगी हैं. फ्राइडे टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार यूसुफ मस्तीखान को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. मस्तीखान के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई है जिसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि उन्होंने एडब्ल्यूपी कार्यकर्ता को राष्ट्र, सशस्त्र बलों और खुफिया एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ भाषण देते सुना है.

शिकायत में मस्तीखान के हवाले से कहा गया है कि 1947 में बलूचिस्तान को जबरन पाकिस्तान का हिस्सा बनाया गया था और राष्ट्र प्रांत के लोगों को 'गुलाम' मानता है. प्राथमिकी के अनुसार मस्तीखान ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान 1953 से प्रांत से गैस की चोरी कर रहा है. पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने भी एडब्ल्यूपी कार्यकर्ता की गिरफ्तारी की निंदा की है. एचआरसीपी ने कहा, 'उन्होंने इस मांग के अलावा और कुछ नहीं किया है कि राज्य ग्वादर के निवासियों को नागरिक, राजनीतिक और आर्थिक अधिकार दे, जिसके वे हकदार हैं.'

अधिकार कार्यकर्ताओं ने भी राजनेता की गिरफ्तारी पर चिंता व्यक्त की. एक सोशल मीडिया यूजर ने कहा, 'वास्तव में उनके स्वास्थ्य के बारे में चिंतित हैं, क्योंकि वह वृद्ध हैं और एक एडवांस स्टेज के कैंसर रोगी हैं.' रिपोर्ट के अनुसार एक अन्य यूजर ने लिखा कि नेता की गिरफ्तारी को लेकर पूरे बलूचिस्तान में गुस्सा है और नागरिक समाज और प्रगतिशील राजनीतिक आंदोलनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. ग्वादर में एक महीने से अधिक समय से विरोध-प्रदर्शन चल रहे हैं. 

HIGHLIGHTS

  • सही इतिहास सामने लाने पर मानवाधिकार कार्यकर्ता पर जुल्म
  • राजद्रोह के आरोप में इमरान सरकार ने किया गिरफ्तार
  • विरोध स्वरूप महीने भर से चल रहा धरना-प्रदर्शन
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