जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से धारा 370 हटाए जाने के एक साल के बाद भी कश्मीर पर नापाक पाकिस्तान (Pakistan) की तोतारटंत बंद नहीं हुई है. हालांकि इस मसले के अंतरराष्ट्रीयकरण के पाकिस्तान के प्रयास को फिर से बड़ा झटका लगा है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने एक बार फिर जोर देकर कहा है कि यह मसला भारत-पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मसला है. यूएनएससी की बुधवार को हुई बैठक में लगभग सभी देशों ने एकसुर में कहा कि जम्मू-कश्मीर सुरक्षा परिषद का समय और ध्यान पाने वाला मसला नहीं है. इस बात की जानकारी संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने दी.
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Another attempt by Pak fails. In today’s meeting of UNSC which was closed, informal, not recorded & without any outcome, almost all countries underlined J&K was bilateral issue & did not deserve time & attention of Council: TS Tirumurti, Permanent Representative of India to UN pic.twitter.com/Namiive955
— ANI (@ANI) August 5, 2020
फिर की थी जम्मू-कश्मीर पर बहस की मांग
बताते हैं कि पाकिस्तान ने एक पत्र के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र में इस मसले पर बहस की मांग की थी. कूटनीतिज्ञों को मानना है कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने की वर्षगांठ पर पाकिस्तान ने अपने सदाबहार दोस्त चीन की शह पर यह कदम उठाया था. हालांकि इस बार पाकिस्तान की इस मांग को इंडोनेशिया का भी समर्थन प्राप्त था. यह अलग बात है कि बंद दरवाजों के पीछे हुई बैठक का कोई रिकॉर्ड तक नहीं रखा जाएगा. पाकिस्तान की इससे बड़ी किरकिरी और कुछ नहीं हो सकती कि उसकी मांग को खारिज कर उसे दस्तावेज में भी शामिल नहीं किया जाए.
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एक झूठ सौ बार बोलने से सच नहीं हो जाता
कश्मीर के द्विपक्षीय मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के पाकिस्तान के लगातार प्रयास के लिए उसकी निंदा करते हुए एक शीर्ष भारतीय राजनयिक ने कहा कि ‘एक झूठ को सौ बार बोलने से वह सच नहीं हो जाता.’ संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस त्रिमूर्ति ने पीटीआई से कहा, ‘पाकिस्तान ने जो दावा किया है उसके विपरीत उसने जम्मू कश्मीर को संयुक्त राष्ट्र का एजेंडा बनाने का प्रयास किया. पाकिस्तान द्वारा द्विपक्षीय मुद्दों का अंतरराष्ट्रीयकरण करना कोई नयी बात नहीं है.’
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रिकॉर्ड तक में शामिल नहीं हुई मांग
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री के दावे के विपरीत तीन मौकों को छोड़ दें तो भारत-पाकिस्तान मुद्दे पर पिछले 55 साल में सुरक्षा परिषद की कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई है. त्रिमूर्ति ने कहा कि इससे पहले बंद कमरे में अनौपचारिक बैठक हुई थी. उन्होंने कहा कि यह ध्यान देना महत्वपूर्ण होगा कि सुरक्षा परिषद में खासकर हर देश इस तथ्य को रेखांकित करता है कि यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है जिसे भारत और पाकिस्तान द्विपक्षीय तरीके से सुलझाएंगे.