संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भारत ने एक बार फिर रूस (Russia) के खिलाफ वोटिंग से परहेज किया है. महासभा में रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव परित किया गया था. यह निंदा प्रस्ताव यूक्रेन (Ukraine) के चार क्षेत्रों में कब्जे को लेकर किया गया था. प्रस्ताव के पक्ष 143 सदस्य देशों ने वोटिंग किया. वहीं विरोध में पांच देशों ने वोटिंग की. कुछ वक्त पहले भी यूएनजीए में रूस के खिलाफ इस तरह का निंदा प्रस्ताव पेश किया था, इसमें रूस ने अपनी वीटो पॉवर (Veto Power) का उपयोग किया था. यूक्रेन में संघर्ष को लेकर भारत ने बीते दिनों चिंता जताई थी. यूक्रेन ने हाल ही में चार जगहों खेरसान, डोनेत्सक, जेपोरीजिया के साथ लुहांस्क पर अपना कब्जा जमाया है. उसका कहना है कि यहां जनमत संग्रह (Referendum) कराया गया है और लोगों ने रूस में जाने की इच्छा व्यक्त की है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में देश की ओर से स्थायी प्रतिनिधि रुचिका कंबोज ने कहा कि भारत इस संघर्ष से चिंतित है. इसमें नागरिकों की मौत शामिल है. उन्होंने कहा कि भारत लगातार मानव जीवन की कीमत को लेकर चिंता व्यक्त करता है. अंतरराष्ट्रीय कानून और क्षेत्रीय अखंडता का वह सम्मान करता है.
रुचिका कंबोज (Ruchika Kamboj) के अनुसार, मतभेदों और विवादों का हल करने के लिए बातचीत की एकमात्र हल है. उन्होंने ने कहा कि हमें कूटनीतिक मार्ग अपनाना होगा. उन्होंने कहा कि मतदान में शामिल न होने का निर्णय राष्ट्रीय स्थिति को लेकर किया है. कंबोज का कहना है कि हमारे पीएम ने स्पष्ट रूप से कहा था यह युद्ध का युग नहीं है. इस समस्या का हल बातचीत के जरिए होनी चाहिए. भारत ने इससे दूर रहने का निर्णय लिया है. कंबोज का कहना है कि इस युद्ध के कारण विकासशील देश ईंधन, खाद्य, उवर्रक आपूर्ति से जूझ रहे हैं. गौरतलब है कि यूएनजीए द्वारा लाया गया प्रस्ताव यूक्रेन के चार क्षेत्रों पर रूस के कब्जे की निंदा करता है. यूक्रेन ने सोमवार की बैठक में रूस पर कड़ी प्रक्रिया करते उसे 'आतंकवादी' देश बताया था.
HIGHLIGHTS
- प्रस्ताव के पक्ष 143 सदस्य देशों ने वोटिंग किया
- वहीं विरोध में पांच देशों ने मतदान किया
- खेरसान, डोनेत्सक, जेपोरीजिया के साथ लुहांस्क पर अपना कब्जा
Source : News Nation Bureau