संयुक्त राष्ट्र आम सभा (UNGA) में रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव को लेकर 25 सालों में पहली बार इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई थी, जिसमें रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया गया. इस प्रस्ताव का समर्थन 141 देशों ने किया, तो 5 देशों ने इसके खिलाफ वोटिंग की. वहीं, भारत समेत 35 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. इसका मतलब है कि न तो रूस (Russia) की निंदा की और न ही प्रस्ताव का समर्थन किया. इस मामले में भारत का रुख हमेशा की तरह संतुलित ही रहा.
India abstains from voting against Russia at UNGA. 141 in favour, 5 against, 35 abstentions.
— ANI (@ANI) March 2, 2022
Ukraine Crisis को लेकर यूएन में निंदा प्रस्ताव
इस निंदा प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र ने रूस से तुरंत अपने सैन्य बलों को यूक्रेन से वापस बुलाने के लिए कहा है. संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद (UNSC) ने आपात आम सभा का आह्वान किया था. संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्यों में से 141 देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया. मतदान से पहले संयुक्त राष्ट्र (UN) में यूक्रेन के राजदूत सर्जेई काइस्लित्सिया ने कहा कि रूस यूक्रेन (Ukraine) के अस्तित्व के अधिकार का ही हनन करना चाहता है. इस दौरान उन्होंने रूस के हमले में मारे गए भारतीय छात्र के लिए संवेदनाएं भी प्रकट की.
Ukraine deeply regrets that a student from India has become a victim of this shelling by the Russian Armed Forces in Kharkiv. We offer our deepest sympathies to India & the relatives of the victim: Ukraine Ambassador to UN Sergiy Kyslytsya #RussiaUkraineConflict pic.twitter.com/AiQda4vQAz
— ANI (@ANI) March 2, 2022
रूस के राजदूत वासिली नेबेंज़िया ने कहा कि रूस यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में अलगाववादी संघर्ष को समाप्त करना चाहता है. उन्होंने पश्चिमी देशों पर प्रस्ताव का समर्थन हासिल करने के लिए खुली धमकियां देने के आरोप लगाए.
We are not carrying out strikes on civilian facilities and civilians. A peaceful scenario of Ukraine could happen if the radicals concerned about preserving civilian lives rather than hiding behind them: Russia's Permanent Representative to the UN, Ambassador Vassily Nebenzia pic.twitter.com/BFtJrkUR89
— ANI (@ANI) March 2, 2022
25 साल बाद पहली बार बुलाई गई इमरजेंसी मीटिंग
बता दें कि आज से पहले आखिरी बार साल 1997 में यूएनजीए की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई थी. वो इमरजेंसी मीटिंग इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष को लेकर था. उस दौरान 21 मामलों पर चर्चा हुई थी. हालांकि मुख्य मुद्दे में इजरायल और फिलिस्तीन का संघर्ष ही था.
HIGHLIGHTS
- यूएन में रुस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव
- भारत ने नहीं डाला वोट
- यूएनएससी के प्रस्ताव के विरोध में रहे 5 देश
Source : News Nation Bureau