कई तरह की असफलताओं से घिरे पाकिस्तान के नेता अपनी नाकामियों की ठीकरा भारत के सिर पर फोड़ने से भी बाज नहीं आ रहे हैं. ताजा मामले में पाकिस्तानी मंत्रियों ने अपने देश के शहर लाहौर में पाए जाने वाले प्रदूषण के लिए भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहरा दिया है. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, यह बात भी अपने विवादास्पद बयानों के लिए मशहूर पाकिस्तान के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने कही है. इसमें एक अतिरिक्त बात यह भी जुड़ गई है कि फवाद का कहना है कि लाहौर के प्रदूषण के भारतीय संबंध की बात जलवायु परिवर्तन मामलों के मंत्री ने कैबिनेट की बैठक के दौरान कही.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, फवाद ने बुधवार को ट्वीट किया, "लाहौर शहर में प्रदूषण का स्तर भारत के वाघा की तुलना में आधा है." फवाद ने कहा कि दिल्ली से लेकर अमृतसर तक फसलों को काटने के बाद जो आग लगाई जा रही है, वह एक बहुत बड़ी पर्यावरण समस्या बन गई है. उन्होंने ट्वीट में लिखा, "जलवायु परिवर्तन मामलों के मंत्री ने मंगलवार को कैबिनेट को बताया कि लाहौर में प्रदूषण की बड़ी वजह सरहद पार के हालात हैं. दिल्ली से अमृतसर तक फसल काटने के बाद खेतों में लगाई जाने वाली आग बड़ा मसला बन गई है. मोदी सरकार हर मोर्चे पर नाकाम है. गैरजिम्मेदार सरकारें अभिशाप समान होती हैं."
पाकिस्तानी नेताओं ने यह बातें आश्चर्यजनक रूप से वर्ल्ड एयर क्वालिटी इंडेक्स की रिपोर्ट आने के बाद कही हैं जिसमें कहा गया है कि 29 अक्टूबर को लाहौर दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा. मीडिया रिपोर्ट में लाहौर के इस प्रदूषण की वजह वाहनों और उद्योगों से होने वाले जहरीले उत्सर्जन, भवन निर्माण स्थलों से उड़ने वाली धूल और कूड़े तथा पराली को जलाने से उठने वाले धुएं को बताया गया था.
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इस बीच पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने पर्यावरण प्रदूषण से निपटने के लिए खेतों में फसलों के अवशेष (पराली) जलाने, प्लास्टिक व लेदर की चीजों तथा कूड़े को जलाने पर तीन महीने तक के लिए पूरी तरह से रोक लगा दी है.