पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने गुरूवार को कहा कि सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच एक पारस्परिक रूप से सहमत व्यवस्था है और कोई भी देश एकतरफा संधि से खुद को अलग नहीं कर सकता था।
शरीफ ने यह टिप्पणी उच्च स्तरीय बैठक में की जहां उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान के किसी भी तरह के आंतरिक या बाह्य सुरक्षा खतरा से निपटने के लिए पूरी तरह से सक्षम है।
बैठक के बाद जारी बयान के अनुसार बैठक में कश्मीर में व्यवस्थित मानव अधिकारों के उल्लंघन और भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा बल के क्रूर उपयोग की निंदा की गई।
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि के प्रावधानों की समीक्षा करने के लिए अधिकारियों के साथ मुलाकात की। उस बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि भारत झेलम सहित अन्य पाकिस्तान नियंत्रण वाली नदियों का पानी अधीक इस्तेमाल करेगी।पाकिस्तान अगले दिन विश्व बैंक पूरे मुद्दे को लेकर चला गया था।
शरीफ ने कहा कि जिन कश्मीरियों पर अत्याचार हो रहा है उनको न केवल पाकिस्तान का समर्थन बल्कि पूरी दुनिया के समर्थन की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीरियों को अपना नैतिक और कूटनीतिक समर्थन तब तक देता रहेगा जब तक कश्मीर का मुद्दा कश्मीरी लोगों की आकांक्षाओं के अनुसार हल नहीं होता।
शरीफ ने कहा है कि दुनिया इस बात का गवाह है कि पाकिस्तान ने वैश्विक शांति के लिए बलिदान दिया है।
संघीय मंत्री निसार अली, इशाक डार, सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नासिर , विदेश सचिव एजाज चौधरी, महानिदेशक सैन्य अभियानों और वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया।
Source : News Nation Bureau